Monday, May 20, 2024
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Story Shani Dev: भगवान शनि कैसे बने न्याय के देवता, किसने दिया उन्हें ये आशीर्वाद, जानिए

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India News (इंडिया न्यूज़),Story Shani Dev: कर्मों के कर्म दाता शनि देव का स्थान हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण है। शनिदेव साक्षात रूद्र माने जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में लिखा गया हैं कि, शनि देव न्याय के भगवान है। समस्त देवताओं में शनिदेव ही एक ऐसे देवता है, जिनकी पूजा प्रेम के कारण नहीं बल्कि डर की वजह से की जाती है। इसकी वजह ये है कि शनिदेव को न्याय की उपाधी प्राप्त है। वहीं मनुष्य को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते है। यदि आपसे कभी शनिवेद गुस्सा हो जाते है तो आप उनकी अराधना करके उन्हें मना सकते है। लेकिन यहां पर रोचक सवाल यह है कि आखिर उन्हें ये न्यायाधीश की उपाधि किसने दी। चलिए आज के इस आर्टिकल में हम इसी के बारे में जानने की कोशिश करते है।

कहा जाता है कि, शनिदेव कर्मों के अनुसार जातकों को फल प्रदान करते हैं। जिस जातक के अच्छे कर्म होते हैं, उन पर शनिदेव की कृपा हमेशा नहीं रहती है।

कैसे मिली शनिदेव को न्यायाधीश की उपाधि?

किंवदंतियों ने बताया है कि, जब भगवान सूर्य अपनी पत्नी छाया के पास पहुंचे तो सूर्य के प्रकाश से उनकी पत्नी छाया ने अपने नेत्रों को बंद कर लिया था। इसी वजह से शनि देव का रंग काला है। जिसकी वजह से शनि देव अपने रंग से भी खुश नहीं रहते थे।

शनि देव ने आगे चलकर भगवान शंकर की तपस्या की थी और जिसके बाद उनक पूरा शरीर जल गया था। शिव की भक्ती देव भगवान शिव प्रसन्न हुए और उन्हें एक मन चाहा वरदान मांगने के लिए कहा। शनिदेव ने वरदान में मांगा कि, उनक पूजा उनके माता पिता से ज्यादा की जाए। ताकी उनका अहंकार टूट जाए।

जिसके बाद भगवान शिव ने उन्हें वदरान दे दिया। तुम नव ग्रहों में श्रेष्ठ हो जाएगे और पृथ्वी लोक पर न्यायाधीश के रूप में तुम जाने जाओगे। तुम लोगों के कर्मों के अनुसार उन्हें फल दोगे। जिसके बाद से ही उन्हें कर्मों का फल दाता कहा जाने लगा। और सभी ग्रहों में उनका स्थान सबसे ऊंचा है।

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