India News ( इंडिया न्यूज), Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त BJP को बंपर जीत मिली है, कांग्रेस जिन दो राज्यों में सत्ता में थी वहां न योजनाएं काम आईं और ना ही MP में एंटी इंकम्बेंसी जहां पार्टी विपक्ष में थी, इन राज्यों में कौन से 5 फैक्टर्स ने कांग्रेस का काम तमाम कर दिया?
राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत तीनों राज्यों में आखिर वह कौन से फैक्टर्स रहे जिन्होंने कांग्रेस का काम तमाम कर दिया? आइए, नजर डालते हैं।
1- हाईकमान को किया इग्नोर
2- काम ना आई चुनावी वादे और योजनाएं
कांग्रेस की हार के पीछे एक बड़ा फैक्टर चुनावी वादे और योजनाएं भी रहे, कांग्रेस सरकार की योजनाएं कॉपी लगी हीं, इनमें कोई भी स्कीम ऐसी नहीं थी जिसमें जनता तक सीधा पैसा पहुंचता हो, गहलोत ने चिरंजीवी योजना शुरू की, इंश्योरेंस की रकम डबल करने, महिलाओं को 10 हजार रुपये सालाना देने, MSP को लेकर कानून बनाने का वादा किया, वहीं BJP ने कम से कम 6 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने, किसान सम्मान निधि का पैसा दोगुना करने और किसानों की नीलाम हुई जमीन वापस कराने का वादा किया, फर्क ये रहा कि किसान सम्मान निधि का पैसा लोगों को पहले से ही मिल रहा है, जनता ने भविष्य के सुनहरे सब्जबाग की जगह वर्तमान पर यकीन किया।
3- हर राज्य में कांग्रेस के 2 प्रमुख चेहरे थे
कांग्रेस की हार के पीछे एक बड़ा फैक्टर गुटबाजी भी रहा. MP में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह तो राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की खींचतान ने कांग्रेस को डैमेज किया, छत्तीसगढ़ में भी कहानी कुछ ऐसी ही थी, विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले तक CM भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव दिल्ली की दौड़ लगाते रहे, चुनाव में जब 6 महीने से भी कम समय बचा था, टीएस सिंहदेव को बघेल सरकार में डिप्टी CM बनाया गया, तीनों ही राज्यों में अंतर्कलह का भी मतदाताओं के बीच गलत संदेश गया और कांग्रेस को चुनाव नतीजों में इसका नुकसान उठाना पड़ा।
4- सॉफ्ट हिंदुत्व से कंफ्यूजन
सॉफ्ट हिंदुत्व कांग्रेस की हार के पीछे उसके फॉर्मूले को भी बताया जा रहा है, कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व को लेकर भ्रम की स्थिति बनी MP कांग्रेस कमलनाथ को हनुमान भक्त बताती रही तो वहीं कमलनाथ बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री से लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा तक की कथा कराने में लगे रहे, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल भी राम वन गमन पथ जैसी परियोजनाओं के साथ सॉफ्ट हिंदुत्व की राह चलते नजर आए, कहा जा रहा है कि कांग्रेस को इसका भी नुकसान उठाना पड़ा, तर्क ये दिए जा रहे हैं कि हिंदुत्व के नाम पर जिसे वोट देना है, वह BJP के साथ जाएगा कि डुप्लिकेट के साथ।
5- वोटों का ध्रुवीकरण
कांग्रेस को वोटों के ध्रुवीकरण का भारी नुकसान हुआ, BJP ने राजस्थान में कन्हैयालाल हत्याकांड, जोधपुर दंगे जैसी घटनाओं को चुनाव प्रचार के दौरान खूब उछाला, PM मोदी से लेकर UP के CM योगी आदित्यनाथ तक, BJP के लगभग हर बड़े नेता ने इन मुद्दों को लेकर कांग्रेस पर जमकर वार किए और तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया, इसी तरह MP में प्रचार की शुरुआत से BJP की रणनीति उदयनिधि स्टालिन के बयान को आधार बनाकर कांग्रेस की सनातन विरोधी इमेज बनाने की रही, BJP ने उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर, सागर में रविदास मंदिर, परशुराम जन्मस्थली जानापाव में परशुराम मंदिर समेत कई मंदिर और कॉरिडोर बनवाए।
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