Monday, May 20, 2024
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Surya Dev: सूर्य देव के रथ को 7 घोड़े ही क्यों खींचते हैं? जानिए रंग से जुड़ा ये खास रहस्य भी!

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India News (इंडिया न्यूज़) Surya Dev: ज्योतिष शास्त्र में भगवान सूर्य को ग्रहों का राजा कहा गया है। हिन्दू धर्म में भी सूर्य देव को बहुत महत्वपूर्ण दर्जा दिया गया है क्योंकि यह संसार सूर्य से मिली ऊर्जा से ही चलता है। इसके अलावा ये वो देवता हैं जिनके दर्शन प्रत्यक्ष होते हैं। सूर्य देव सदैव 7 घोड़ों से सुसज्जित रथ पर सवार रहते हैं।

इन रथों के नाम हैं

इन रथों के नाम हैं- गायत्री, भारती, उष्णिक, जगति, त्रिस्तप, अनुस्तप और पंक्ति। लेकिन ये बहुत है। बहुत कम लोग जानते हैं कि सूर्य देव के रथ को 7 घोड़े ही क्यों खींचते हैं। आइए जानते हैं सूर्य देव के रथ का नाम और उसकी विशेषताएं।

7 घोड़े रोशनी के 7 रंगों का महत्व

सूर्य देव के रथ के घोड़े, रथ के पहिए और उन पर बनी रेखाओं का विशेष अर्थ होता है। इतना ही नहीं कई पौराणिक कथाओं में भी सूर्य देव के रथ से जुड़ी खासियतों का जिक्र किया गया है। इन कथाओं के अनुसार सूर्य देव के रथ को संभालने वाले इन सात घोड़ों के नाम हैं- गायत्री, भारती, उष्णिक, जगति, त्रिस्तप, अनुस्तप और पंक्ति। ऐसा माना जाता है कि ये 7 घोड़े सप्ताह के 7 अलग-अलग दिनों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

बात करें तो रथ के 7 घोड़े रोशनी के 7 रंगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यही कारण है कि सूर्य देव के रथ के घोड़े अलग-अलग रंग के होते हैं। साथ ही ये सभी घोड़े एक दूसरे से अलग दिखते हैं।

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रथ के पहिये भी विशेष संकेत देते हैं

इतना ही नहीं सूर्य देव के रथ के पहिये और उनमें बनी 12 रेखाएं भी विशेष संकेत देती हैं। एक पहिया एक वर्ष का प्रतिनिधित्व करता है और इसमें मौजूद 12 रेखाएं वर्ष के 12 महीनों का प्रतिनिधित्व करती हैं। प्रसिद्ध कोणार्क मंदिर में भगवान सूर्य और उनके रथ का बहुत अच्छा और विस्तार से चित्रण किया गया है।

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इसका सीधा संबंध ज्योतिष शास्त्र से भी है

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों का राजा सूर्य हर महीने अपनी राशि बदलता है। इस प्रकार वे 12 महीनों में 12 राशियों में गोचर करते हैं और एक वर्ष में एक राशि चक्र पूरा करते हैं। साथ ही सूर्य को सफलता, स्वास्थ्य और प्रसिद्धि का कारक माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य उच्च का होता है उनका व्यक्तित्व उज्ज्वल और प्रभावी होता है। ऐसे लोग जीवन में खूब नाम और शोहरत पाते हैं। ये जिस भी क्षेत्र में जाते हैं वहां ऊंचा पद पाते हैं। इनमें नेतृत्व क्षमता जन्मजात होती है।

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