Sunday, July 7, 2024
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Vivek Agnihotri on Threats To His Life : 2 लोग मेरे ऑफिस में घुसे और मैनेजर से हाथापाई की, विवेक अग्निहोत्री किया खुलासा

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Vivek Agnihotri on Threats To His Life

Vivek Agnihotri on Threats To His Life : विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने बड़े-बड़ों फिल्म निर्माताओं के पसीने छुड़ा दिए हैं। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 200 करोड़ कलेक्शन का आंकड़ा पार कर दिया है। फिल्म के आगे अक्षय कुमार की ‘बच्चन पांडे’ पस्त नजर आ रही हैं। ‘द कश्मीरी फाइल्स’ की कामयाबी और कुछ लोगों के विरोध के बाद विवेक अग्निहोत्री ने अपनी जान को खतरा बताया था,जिसके बाद उन्हें गृह मंत्रालय की ओर से वाई कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है। हाल ही में उन्होंने अपनी जान के खतरे को लेकर खुलकर बात की और बताया कैसे दो अनजान लोगों ने उनके ऑफिस में घुसकर उनके मैनेजर के साथ हाथापाई की थी।

विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) ने कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्म और उनके घाटी से पलायन की कहानी को अपनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) में दिखाया है। ये फिल्म देख लोग इमोशनल हो रहे हैं। हाल ही में उन्होंने बताया कि कैसे ‘द कश्मीरी फाइल्स’ की कामयाबी के बाद उन्हें अपनी जान का खतरा भी सताने लगा।

The Kashmir Files
The Kashmir Files

जब दो अनजान लड़कों ने की विवेक अग्निहोत्री के मैनेजर के साथ हाथापाई

उन्होंने कहा कि हां, धमकियां मिल रही हैं। हाल ही में हमारे ऑफिस में दो अनजान लड़के हमारे ऑफिस में घुस गए। उन्होंने मेरे मैनेजर के साथ उन्होंने हाथापाई की। उन्होंने बातचीत में बताया ‘ये उस वक्त हुआ जब मैं और मेरी पत्नी ऑफिस में नहीं थे। सिर्फ एक मैनेजर थीं, जो काफी उम्र दराज हैं। उन लड़कों ने उन्हें दरवाजे की तरफ धक्का मारा। वह गिर पड़ी। इसके बाद उन्होंने उनसे मेरे बारे में पूछा और फिर वे वहां से भाग गए। मैंने इस घटना के बारे में किसी से बात नहीं की क्योंकि मैं नहीं चाहता कि ऐसे लोगों को किसी भी तरह की पब्लिसिटी मिले’।

‘फाइल्स’ फ्रेंचाइजी में नहीं बदलेगी

‘फाइल्स’ फ्रेंचाइजी को आगे बढ़ाने को लेकर उन्होंने कहा, ‘द दिल्ली फाइल्स’ और फिर मैं फाइल्स ट्रायोलॉजी के साथ काम कर रहा हूं। विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि धरती पर कोई शक्ति फाइल्स को फ्रेंचाइजी में बदलने के लिए राजी नहीं कर सकती है। उन्होंने आगे कहा कि जो लोग मुझे पहले से जानते हैं, वे ये अच्छे से जानते होंगे कि मैं वो फिल्में बना रहा हूं, जिनको मैं पिछले 10 सालों से बनाना चाहता हूं।

लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हैं दर्शक

विवेक अग्निहोत्री ने कहा, ‘ताशकंद फाइल्स’ सत्य के अधिकार के बारे में थी. ‘द कश्मीर फाइल्स’ न्याय के अधिकार के बारे में है। अब ‘द दिल्ली फाइल्स’ बनाने की तैयारी कर रहे विवेक ने आगे कहा कि ये जीवन के अधिकार पर होंगी। उन्होंने दर्शकों को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताया और कहा कि उन्हें तय करने दें कि वे क्या देखना चाहते हैं।’

कोरोना ने सिनेमा के व्याकरण को बदला

सिर्फ उनकी फिल्म ही नहीं, विवेक को लगता है कि महामारी ने सिनेमा मनोरंजन के व्याकरण को बदल दिया है उन्होंने कहा कि कोविड ने भी बहुत कुछ बदल दिया। अब दर्शक बकवास के लिए ताली नहीं बजाने वाले हैं। आप देखिए हमारे लिए सिनेमा नेटवर्किंग और सामाजिककरण के बारे में नहीं है, हम पार्टी नहीं करते हैं। कश्मीर फाइल्स पर काम शुरू करने के बाद से हम चार घंटे से ज्यादा नहीं सोए हैं, इसलिए नहीं कि हम पार्टी कर रहे थे, बल्कि इसलिए कि हम लगातार फिल्मांकन और रिलीज के लेखन की लॉजिस्टिक्स पर काम कर रहे थे।

Vivek Agnihotri on Threats To His Life

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