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Electra Stumps: Cricket में हुई नए स्टम्प्स की एंट्री, चौके से लेकर छक्के तक हर फैसले में दिखेगी अलग लाइट

• LAST UPDATED : December 22, 2023

India News (इंडिया न्यूज़) Electra Stumps: क्रिकेट खेल भारत में राष्ट्रीय खेल नहीं है, लेकिन भारत में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। इसमें समय के साथ – साथ कुछ न कुछ परिवर्तन होता रहता है। इस बार कुछ ऐसा परिवर्तन हुआ जिसके बाद समय क्रिकेट में अंपायर की छुट्टी हो सकती है।

बता दे, बिग बैश लीग के 13वें सीजन में इस्तेमाल किए जा रहे इलेक्ट्रा स्टंप चर्चा का विषय बने हुए हैं। इन स्टंप्स का इस्तेमाल पहले महिला बिग बैश लीग में किया जाता था। अब इन स्टंप्स का इस्तेमाल पुरुष लीग में भी किया जा रहा है। आधुनिक तकनीक से लैस ये स्टंप पूरे क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बन गए हैं।

मैदान पर होने वाली घटनाओं को दर्शाने के लिए इन स्टंप्स पर अलग-अलग रंग की लाइटें जलाई जाती हैं। इसके साथ ही फैंस स्टंप का रंग देखकर कर पिछली गेंद पर क्या हुआ बता देगा।

सबसे पहले बिग बैश लीग में हुआ इस्तेमाल

पहले क्रिकेट के खेल में साधारण लकड़ी के स्टंप का इस्तेमाल किया जाता था, जिस पर दो बेल्स रखी जाती थीं और बेल्स गिरने पर ही बल्लेबाज आउट होता था। रन आउट के मामले में, यदि बेल्स पहले से ही नीचे थीं तो फील्डर को स्टंप उखाड़ना पड़ता था। इसके बाद आए एलईडी स्टंप्स। इन स्टंप्स और इनमें इस्तेमाल होने वाली नालियों पर लाइटें लगाई गईं। जैसे ही गेंद या कोई अन्य वस्तु स्टंप या विकेट के संपर्क में आती है, लाइट झपकने लगती है। इससे अंपायरों का काम आसान हो गया।

फिलहाल, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एलईडी स्टंप का ही इस्तेमाल किया जाता है। इनमें कैमरे भी लगाए गए हैं, ताकि टीवी पर मैच देख रहे दर्शकों को हर एंगल से मैच दिखाया जा सके। क्रिकेट के खेल में अब इलेक्ट्रा स्टंप भी आ गई है। इनमें पूरे स्टंप पर लाइटें लगाई गई हैं और ये आउट होने के बाद भी जलती रहती हैं। इन स्टंप्स की रोशनी मैदान पर होने वाली अलग-अलग घटनाओं के आधार पर बदलती रहती है।

इलेक्ट्रा स्टंप्स कैसे काम करते हैं? (How does electronic stump work?)

स्टंप की रोशनी इस बात पर निर्भर करती है कि कौन सी गेंद मारी गई है। आइए समझें कि वे कैसे काम करते हैं।

चौका: जब चौका मारा जाता है तो स्टंप का रंग बदल जाता है, वह अपने पुराने रंग की बजाय दूसरे रंग का हो जाता है और फिर पुराने रंग में आ जाता है।

छक्का: जब छक्का मारा जाता है तो स्टंप का रंग एक छोर से बदलना शुरू होता है और दूसरे छोर तक चला जाता है। इसके बाद यह दूसरे छोर से पहले छोर पर आती है। (जब चौका लगता है तो पूरे स्टंप का रंग एक साथ बदल जाता है, लेकिन जब छक्का लगता है तो एक छोर से रंग बदलना शुरू हो जाता है)

आउट: जब विकेट गिरता है तो स्टंप्स का रंग लाल हो जाता है, जिसके बाद उनका रंग ऐसा हो जाता है मानो आग लगी हो। यह बल्लेबाज के पवेलियन लौटने का संकेत होता है।

नो बॉल: नो बॉल की स्थिति में पूरे स्टंप पर लाल और सफेद रंग चलने लगता है। इसमें रंग बदलने की शैली पूरी तरह से छह की तरह है, लेकिन यहां रंग केवल लाल और सफेद हैं।

ओवरों के बीच: ओवर के अंत में स्टंप्स पर बैंगनी और नीली रोशनी चमकने लगती है। यहां भी रंग बदलने का अंदाज छक्का मारने और नो बॉल जैसा ही है, लेकिन यहां रंग सिर्फ नीला और बैंगनी है।

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