India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Rajasthan News: राजस्थान के जयपुर में सरकारी अस्पताल प्रबंधन ने मानवता और क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं। डिलीवरी के लिए अस्पताल आई प्रसूता की तत्काल इलाज न मिलने से तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें रेफर कर दिया। अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराई। काफी हंगामे के बीच महिला ने हॉस्पिटल के गेट पर ही बच्ची को जन्म दे दिया।
मामला जयपुर के शास्त्री नगर स्थित हरिबक्श कांवटिया सरकारी अस्पताल का है। बुधवार देर शाम अशोक वर्मा अपनी पत्नी नीलम को डिलीवरी पीड़ा के बाद नजदीकी अस्पताल ले गए। लेकिन लंबे समय तक अस्पताल में उसकी देखभाल न होने के कारण प्रसूता की तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद डॉक्टरों ने उसे दूसरे सरकारी अस्पताल में रेफर करने की बात कही और बाहर भेज दिया।हालांकि एम्बुलेंस ड्राइवर ने बिना डॉक्टर की पर्ची के जाने से मना कर दिया। वहीं डॉक्टर भी रेफर करने की पर्ची देने के बजाय बोलकर पल्ला झाड़ने लगा।
प्रसूता के परिवार वालो ने डॉक्टरों के सामने काफी देर तक हाथ जोड़कर विनती की, लेकिन जब वह नहीं माने तो हंगामा खड़ा कर दिया। मामला बिगड़ता देख ड्राइवर एंबुलेंस लेकर भागने लगा, जिसके बाद परिवार के लोगों ने शीशे पर हेलमेट मारकर ड्राइवर को रोका। लेकिन इसी बीच अस्पताल गेट पर ही दर्द से कराह रही नीलम की कोख से चीख गूंज उठी। इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है।
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गर्भवती महिला के पति अशोक वर्मा का आरोप है कि अस्पताल में 2 घंटे तक उनकी पत्नी नीलम की देखभाल नहीं की गई। प्रसव पीड़ा बढ़ने पर अस्पताल स्टाफ ने उसे धक्का देकर बाहर निकाल दिया। इतना ही नहीं ड्यूटी पर रहे डॉक्टरों ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि हमने रेफर कर दिया है और हमारी जिम्मेदारी खत्म हो गई है। परिवार वालों का गंभीर आरोप है कि नवजात के ऊपर एंबुलेंस चढ़ाकर उसे मारने की कोशिश की भी गई। जब मामला बिगड़ गया तो नवजात के साथ महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
वहीं इस पूरी घटना का वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा अस्पताल पहुंचे। जहां अस्पताल गेट पर प्रसव मामले को लेकर विधायक ने नाराजगी जताई और अस्पताल प्रबंधन को फटकार लगाई। इतना ही नहीं विधायक ने लापरवाह और जिम्मेदार ड्यूटी डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।
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