Monday, May 20, 2024
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Nathdwara Vidhan Sabha Seat: इस सीट पर लड़ रहे BJP-कांग्रेस, जानें कैसे रचा था इतिहास

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India News (इंडिया न्यूज़), Nathdwara Vidhan Sabha Seat: पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में अगर सबसे ज्यादा चर्चा किसी राज्य की हो रही है वो राजस्थान है। यहां चुनाव में ही अब कुछ दिन बचे हुए है। या यू कहे कि, अक्टूबर में कभी भी आचार संहिता लग जाएगी। जानकारी के लिए बता दें कि, 200 विधासनभा सीट वाले इस राज्य में हर चुनाव में कुछ ना कुछ खास होता है और सीधी सी बात ये भी है कि, यहां शुरूआत से ही भाजपा और कांग्रेस के बीच आमने-सामने की लड़ाई चल रही है। ऐसे में प्रमुख पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस हर एक सीट का एनालिसिस करने में जुटी हुई है। लेकिन आज आपको ऐसी सीट के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां से कांग्रेस के प्रत्याशी मात्रा 1 वोट से हरे थे। इस सीट ने राजनीतिक पार्टियों को आइना दिखा दिया था कि एक एक वोट कीमती है। जी हां हम बात कर रहे है नाथद्वारा विधानसभा सीट की। बता दें कि, कि एक वोट से हार भी को सामान्य कांग्रेसी नेता नहीं, वर्तमान राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की हार हुई थी।

नाथद्वारा में सीपी जोशी का कद

जानकारी के लिए बता दें कि, इस विधानसभा पर जनता का कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों का आशीर्वाद रहा है। लेकिन यह भी कहना गलत नहीं होगा कि, कांग्रेस पार्टी से जिस प्रकार विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी का कद है, वैसा यहां बीजेपी से किसी का नहीं रहा। मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, वर्ष 2013 में इस विधानसभा ने इतिहास रचा था। यहां भारतीय जनता पार्टी से कल्याण सिंह चौहान प्रत्याशी थे और कांग्रेस से सीपी जोशी थे। जहां कल्याण सिंह को 62216 वोट मिले थे और सीपी जोशी को 62215 वोट मिले थे। मात्र एक वोट से हार हुई थी। इसके बाद कल्याण सिंह ने 2013 ने दौबारा जीत हासिल की। वहीं वर्ष 2018 ने सीपी जोशी जीते।

धार्मिक नगरी है नाथद्वारा

इसके साथ ही इस चुनाव में खास नजर धार्मिक नजरिए का रहने वाला है। जहां मेंनाथद्वारा उदयपुर संभाग के राजसमंद जिले में है। जिस तरह से झीलों की नगरी उदयपुर पर्यटन क्षेत्र में फैमस है। उससे कई ज्यादा धार्मिक नगरी या कहे धार्मिक पर्यटन के रूप में नाथद्वारा फैमस है क्योंकि यहां श्री नाथ जी का मंदिर है। इस मंदिर में हर साल लाखों की संख्या में भक्त दर्ज करने आते हैं। इनमे भी सबसे ज्यादा गुजरात के आते हैं। साथ ही इसी नाथद्वारा में विश्व की सबसे ऊंची भगवान शिव की प्रतिमा भी बनी है।

क्या कहते है विश्लेषक

वहीं इस सीट के बारे में चुनावी विश्लेषकों की माने तो उनका मानना है कि, नाथद्वारा विधानसभा सीट विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी का पर्याय मानी जाती है। पिछले दो दशकों से भी अधिक समय से इस सीट पर सीपी जोशी का वर्चस्व कर रहा है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रारंभिक दौर में यह सीट जनसंघ की सीट मानी जाती थी क्योंकि प्रारंभिक दौर के चुनाव में यहां जनसंघ का ही कब्जा रहा था। पिछले 40 साल यहां से जीतने वाले हर विधायक को दूसरी बार मौका मिला लेकिन तीसरी बार हैट्रिक का सपना अधूरा ही रहा. यहां से सात बार ब्राह्मण, छह बार राजपूत और एक बार जैन प्रत्याशी विजय घोषित हुआ।

सीपी जोशी का होम ग्राउंड

इसके साथ ही इस चुनाव में सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात ये है कि, सीपी जोशी नाथद्वारा के रहने वाले हैं और इनकी राज्य और केंद्र दोनों स्थानों पर मंत्री के रूप में उपस्थिति रही है। वहीं अभी विधानसभा अध्यक्ष रहने का सीधा-सीधा विकासात्मक लाभ क्षेत्र की जनता को हुआ है। वहीं अभी भारतीय जनता पार्टी में उनके मुकाबले का कोई चेहरा पिछले 5 सालों में खड़ा नहीं हो पाया। आम तौर पर ग्राम बहुल विधानसभा क्षेत्र में मुद्दे बिजली, पानी, सड़क, स्कूल, चिकित्सा आदि प्रमुख रहते है। एक वोट से हारने के बाद सीपी जोशी ने दोबारा सीट पर जो पकड़ बनाई वह अपने आप में काबिले तारीफ है और इसका असर सीधे-सीधे जनता पर दिखाई भी पड़ता है।

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