Monday, May 20, 2024
Homeधर्म अध्यात्मHanuman Ji Katha: हनुमान जी को कैसे मिला अमर होने का वरदान?...

Hanuman Ji Katha: हनुमान जी को कैसे मिला अमर होने का वरदान? पढ़िए ये दिलचस्प कहानी

- Advertisement -

India News (इंडिया न्यूज़),Hanuman Ji Katha: हनुमान जी को अंजनीपुत्र, पवनपुत्र, संकट मोचन, राम भक्त, महाबली, बजरंगबली जैसे कई नामों से जाना जाता है। इसके अलावा हनुमानजी को चिरंजीवी भी कहा जाता है। चिरंजीवी का अर्थ है अमर। कहा जाता है कि वह आज भी धरती पर सशरीर मौजूद हैं और अपने भक्तों की समस्याएं सुनते हैं और उनकी परेशानियां दूर करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बजरंगबली को चिरंजीवी का वरदान किसने और क्यों दिया था? आइए जानते हैं इससे जुड़ी दिलचस्प कहानी के बारे में…

Also Read: Hanuman Ji: हनुमान जी को बजरंगबली क्यों कहा जाता है, पढ़ें…

क्या है इसके पीछे की रोचक कहानी? 

वाल्मिकी रामायण के अनुसार जब हनुमानजी ने अशोक वाटिका में माता सीता को अंगूठी दी थी, तब माता सीता ने हनुमानजी को चिरंजीवी होने का वरदान दिया था। इसके बाद वे रावण के विरुद्ध युद्ध में श्री राम के प्रमुख सहयोगी बनकर लड़े और अयोध्या लौटकर उन्होंने श्री राम के प्रति अपनी भक्ति प्रकट की।

वह प्रतिदिन एक परम भक्त की तरह उनकी सेवा करते थे, लेकिन जब भगवान श्री राम ने गोलोक छोड़ने का विचार किया तो यह सुनकर हनुमान जी बहुत दुखी हुए और वह अपना दुख लेकर सीता जी के पास पहुंचे। हनुमान जी ने माता सीता से कहा, ‘माँ, आपने मुझे अमरता का वरदान तो दिया है, लेकिन यह नहीं बताया कि जब मेरे इस धरती से चले जायेंगे तो मेरा जीवन किसके लिए होगा। उनके इतना कहते ही रामभक्त वरदान वापस लेने की जिद करने लगे।
तब माता सीता ने श्री राम का ध्यान किया और भगवान प्रकट हुए। प्रभु श्रीराम ने हनुमान जी को गले लगाते हुए कहा, ‘पृथ्वी पर कोई भी प्राणी अमर नहीं है, लेकिन तुम्हें यह वरदान मिला हुआ है। ऐसा इसलिये क्योंकि जब तक इस पृथ्वी पर राम का नाम लिया जायेगा, तब तक आप ही रामभक्तों का उद्धार करेंगे।

Also Read: Rajasthan Crime: बेटी ने किया शादी से इनकार तो बाप उतारा…

SHARE
RELATED ARTICLES

Most Popular