Dwarika: क्यों और कैसे डूबी श्री कृष्ण की द्वारका नगरी? जानिए पौराणिक इतिहास

India News (इंडिया न्यूज़), Dwarika: श्रीमद भागवत पुराण और गर्ग-संहिता में द्वारका नगरी के बसने और उजड़ने का विस्तार में उल्लेक किया गया है। पौराणिक ग्रंथों की मानें तो करीब 5200 साल पहले, मथुरा के लोग मगध नरेश जरासंध के हमलों से परेशान हो गए थे। जिसके बाद श्री कृष्ण अपने लोगों पर अतिरिक्त हमलों को रोकने के लिए गुजरात के पश्चिमी तट पर एक अलग शहर स्थापित करना चाहता थे। भगवान कृष्ण ने विश्वकर्मा को समुद्र के बीच में द्वारिका नगरी बसाने का आदेश दिया और रातोंरात समस्त प्रजाजनों के साथ द्वारिका पहुंच गए। इसे विश्वकर्मा इतनी मजबूत सुरक्षा व्यवस्था के साथ बनाया गया था कि इस तक केवल जहाज द्वारा ही पहुंचा जा सकता था। लेकिन कुछ कारणों से द्वारका का विनाश हो गया और नगरी अरब सागर में डूब गई। द्वारका नगरी के विनाश के पीछे कई कहानियां हैं। इनमें सबसे लोकप्रिय कथा मौसुल पर्व की है।

गांधारी ने दिया था श्राप

माना जाता है कि  द्वारका नगरी का विनाश महाभारत धर्म युद्ध में मारे गए सौ कौरवों की मां गांधारी के श्राप से शुरू हुआ। गांधारी ने श्रीकृष्ण पर अपना गुस्सा उतारा और उन्हें दोषी ठहराते हुए कहा कि उनके कारण ही कौरवों का नाश हुआ। उन्होंने श्रीकृष्ण को श्राप दिया कि जिस प्रकार उनकी संतानें नष्ट हुई हैं, उसी प्रकार यादव कुल का भी नाश होगा। कृष्ण ने श्राप स्वीकार कर लिया। बाद में गांधारी को अपनी गलती का एहसास हुआ, लेकिन श्राप पूरी तरह से वापस नहीं लिया जा सका।

समुद्र में डूबी द्वारका नगरी

कुछ समय बाद यदुवंशी आपस में झगड़ने लगे। उन्होंने श्रीकृष्ण और बलराम की बात पर भी ध्यान नहीं दिया। इस बीच उन दोनों को एहसास हुआ कि युग बदल रहे थे और उनके मानव शरीर छोड़ने का समय आ गया था। जल्द ही, बलराम तीर्थयात्रा के लिए निकल गए। श्री कृष्ण भी योगनिद्रा में लीन हो गए। इस दौरान एक शिकारी ने गलती से कृष्ण के पैरों को हिरण का चेहरा समझ लिया और तीर चला दिया। तीर ने श्री कृष्ण के पैरों को छेद दिया, और उन्होंने अपना मानव शरीर छोड़ दिया और अपने स्वर्गीय निवास में चले गए। ऐसा माना जाता है कि कृष्ण के मानव रूप छोड़ने के ठीक सात दिन बाद द्वारका नगरी डूब गई थी। ऐसा कहा जाता है कि श्री कृष्ण के मानव रूप छोड़ने के बाद कलियुग का आरंभ हुआ। विशाल समुद्री लहरों ने जल्द ही द्वारका शहर को अपने कब्जे में ले लिया। इस प्रकार, दुर्भाग्यपूर्ण महाभारत धर्म युद्ध के 36 वर्षों के बाद, शाप सच हो गया। गांधारी के श्राप के कारण यदुवंश का नाश हो गया।

ये भी पढ़ें-IPL 2024: IPL से एक महीने पहले सील हुआ Rajasthan Royals का होम ग्राउंड, RCA के ऑफिस पर भी…

ये भी पढ़ें-Kumar Shahani: नहीं रहे नेशनल अवार्ड विनर फिल्ममेकर कुमार साहनी, 83 की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

ये भी पढ़ें-Shani Uday 2024: शनि देव करने वाले हैं बड़ी कृपा, इन…

SHARE
SHIVANI MISHRA

Share
Published by
SHIVANI MISHRA

Recent Posts

Rajya Sabha by-election: रवनीत सिंह बिट्टू को राज्यसभा भेजेगी बीजेपी, कल दाखिल करेंगे नामांकन

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Rajya Sabha by-election: राज्यसभा उपचुनाव की तारीख की घोषणा हो…

3 months ago

Alwar News: हरियाणा से वापस अलवर जिले में पहुंचा टाइगर 2303, अब तक पांच लोगों को कर चुका है घायल

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Alwar News: टाइगर 2303 अब हरियाणा से वापस अलवर जिले…

3 months ago

Bharatpur News: गर्भवती महिला को भूलवश ले गए आरबीएम अस्पताल, मौजूद नर्सिंगकर्मी ने की महिला की सहायता

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Bharatpur News: भरतपुर के आरबीएम में महिला के अचानक प्रसव…

3 months ago

Bikaner News: देर रात गौ रक्षकों ने मुक्त करवाई सात गाय, पिकअप में ठूंस कर भरी थी गाय

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Bikaner News: थाना इलाके के कानासर गांव में देर रात…

3 months ago

Sirohi News: घर पर अकेला पाकर वृद्ध विधवा महिला से दुष्कर्म और लूट, सात दिन बाद पुलिस को मिली सफलता

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Sirohi News: आबूरोड रीको पुलिस ने सात दिन पूर्व वृद्ध विधवा…

3 months ago