India News(इंडिया न्यूज़), UCC Bill: उत्तराखंड के बाद अब राजस्थान में भी UCC लाने की चर्चा काफ तेजी से हो रही है। राजस्थान की सरकार द्वारा भी UCC को लागू करने की तैयारी शुरु की जा चुकी है। राजस्थान के कैबिनेट मिनिस्टर कन्हैया लाल चौधरी ने कहा है कि हम भी UCC को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं और तैयारी भी शुरू हो गई है। उन्होंने UCC को लाने के लिए उत्तराखंड की सरकार को बधाई भी दी।
कैबिनेट मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि UCC को लाने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बना है, उनको बधाई देता हूं। हम भी UCC लागू करने की तैयारी कर रहे हैं। देश में कानून तो एक ही चलेगा, दो नहीं चल सकता है। भारत में तो UCC बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से बात करके इसको लागू करने के लिए चर्चा करने जा रहे हैं। वहीं, हिजाब के मुद्दे पर मंत्री ने कहा कि इसे हटा देना चाहिए। ड्रेस कोड हर जगह चल रहा है, ऐसे में हिजाब को हटाया जाना चाहिए।
राजस्थान में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करते हुए BJP सत्ता पर काबिज हो गई। भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया गया है। BJP सरकार की वापसी के बाद से ही राजस्थान में UCC को लेकर चर्चा और मांग दोनों तेज हो गई है। भजनलाल सरकार के कई मंत्रियों का मानना है कि राज्य में UCC बहुत जरूरी है।
कांग्रेस विधायक रफीक खान ने किया पलटवार
कैबिनेट मंत्री के बयान पर जयपुर कांग्रेस विधायक रफीक खान द्वारा पलटवार करते हुए कहा कि BJP वालों की राजनीति ही एक ही मुद्दे पर टिकी हुई है। BJP देश को बांटने का काम कर रही है। ये लोग राजस्थान में यूजीसी लागू नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर यह BJP पॉलिटिकल स्टंट है। ऊपर से आदेश आते हैं और उसे लेकर राजस्थान के विधायक और मंत्री अपनी परफॉर्मेंस दिखाने के लिए ऐसे बयान देते हैं। BJP के कुछ लोग इस बात को मानते भी हैं कि ऐसे बयान देना हमारी मजबूरी है।
उत्तराखंड सरकार द्वारा विधानसभा में UCC बिल पेश किया गया
दरअसल, उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने आज यानी मंगलवार को UCC बिल विधानसभा में पेश कर दिया। अब इस बिल पर चर्चा होगी और फिर उसे पास के लिए वोटिंग होगी। विधानसभा में BJP बहुमत में है ऐसे संभावना है कि इसी सत्र में बिल पास हो जाए। बिल पास होने के बाद इस बिल को राज्यपाल के पास भेजा जाएगा।
क्या खास है इस बिल में?
- UCC के तहत हर धर्म में लड़कियों की शादी की कम से कम उम्र 18 साल होगी
- पुरुष-महिला को तलाक देने के समान अधिकार प्राप्त होगा
- लिव इन रिलेशनशिप को डिक्लेयर करना अनिवार्य होगा
- लिव इन रिलेशनशिप के बारे में रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर 10 हजार रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ेगा
- लिव-इन में पैदा बच्चों को संपत्ति में बराबर का अधिकार मिलेगा
- महिला के दोबारा विवाह करने पर किसी तरह की कोई शर्त नहीं होगी
- अनुसूचित जनजाति दायरे से बाहर हैं
- बहु विवाह पर रोक, पति या पत्नी के जीवित रहते नहीं हो सकेगी दूसरी शादी
- शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा, बिना रजिस्ट्रेशन सुविधा नहीं मिलेगी
- उत्तराधिकार में लड़कियों को बराबर का हक प्राप्त होगा
- विधानसभा में बिल पास होने और राज्यपाल की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद देवभूमि उत्तराखंड देश में UCC लागू करने वाला आजादी के बाद पहला राज्य होगा। सूत्रों के मुताबिक, मसौदे में 400 से अधिक धाराएं हैं, जिसका लक्ष्य पारंपरिक रीति-रिवाजों से पैदा होने वाली विसंगतियों को दूर करने का है।
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