India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़),Rajasthan News: काले हिरण शिकार मामले में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को सशर्त माफी देने वाले बयान को लेकर बिश्नोई समाज में दो गुट बन गए हैं। एक गुट ‘भाईजान’ की माफी पर विचार करने को तैयार है तो दूसरा इसका विरोध कर रहा है। अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष देवेन्द्र बुधिया के बयान को लेकर बिश्नोई टाइगर फोर्स के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल भवाद ने एक वीडियो जारी किया है। जिसमें उनका कहना है कि माफी शब्द का इस्तेमाल ही गैरकानूनी है।
भवाद ने वीडियो के माध्यम से समाज के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों से अनुरोध किया है कि सलमान खान को काला हिरण शिकार मामले में बेकार और गैरकानूनी बयान देने से बचना चाहिए। राज्य सरकार वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत वन्यजीव अपराध के मामलों पर मुकदमा चलाती है। इसमें चिंकारा, काला हिरण, बाघ आदि जानवर आते हैं। समाज के बंधुओं से अनुरोध है कि माफी जैसे शब्द न्याय जगत की कानूनी परिभाषा के तहत अवैध हैं। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की सही जानकारी न होने के कारण पर्यावरण प्रेमी हंसी का पात्र बन रहे हैं।
मालूम हो, अभिनेता सलमान खान के घर के बाहर हुई फायरिंग के बाद कई फिल्मी सितारों ने वीडियो जारी कर विश्नोई समाज से माफी मांगी थी। सभी ने सलमान खान को माफ करने की अपील की थी। राखी सावंत की सोमी अली से अपील के बाद अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष ने बयान जारी कर कहा था कि अगर सलमान लिखित में माफी मांगते हैं तो उस पर विचार किया जाएगा। 26 साल पुराने काला हिरण मामले में विश्नोई समाज सलमान खान को माफ कर सकता है। समाज के लोग बैठकर इस पर निर्णय ले सकते हैं अगर सलमान खान खुद मंदिर आकर माफी मांग लें तो मामला सुलझ सकता है। देवेन्द्र बुधिया का कहना है कि बिश्नोई समाज के 29 नियमों में से एक नियम क्षमा का भी है।
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