India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Rajasthan News: वरिष्ठ अध्यापक संस्कृत शिक्षा विभाग प्रतियोगी परीक्षा में मूल अभ्यर्थियों की जगह डमी अभ्यर्थी परीक्षा देने का मामला सामने आया है। आरपीएससी की ओर से पात्रता जांच के दौरान सामने आया कि उनके स्थान पर उनियारा टोंक निवासी रामलाल मीना को डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा दी गई थी।
इस मामले में आरपीएससी आयोग ने टोंक उनियारा निवासी रामलाल मीना के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में मामला दर्ज कर नियमानुसार कार्रवाई की मांग की है। आयोग की ओर से नमन शर्मा द्वारा दी गई एफआईआर में बताया गया कि वरिष्ठ अध्यापक संस्कृत शिक्षा विभाग की प्रतियोगी परीक्षा की विज्ञप्ति 18 मई 2022 को जारी की गई थी। इस प्रतियोगी परीक्षा के लिए 25 मई 2022 से 21 जून तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे।
इस प्रतियोगी परीक्षा की तारीख बढ़ाकर 23 जून कर दी गई थी। परीक्षा 12 फरवरी 2023 को सुबह 10:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में टोंक उनियारा निवासी रामलाल मीना, जिसका रोल नंबर 31 32 32 328 था, ने राजकीय दरबार सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सुभाष बाजार में अपने स्थान पर डमी अभ्यर्थी के रूप में बैठकर परीक्षा दी थी।
परिणाम जारी होने के बाद विचारित सूची 9 जनवरी 2024 को जारी की गई और अतिरिक्त विचारित सूची 25 अप्रैल 2024 को जारी की गई। विचारित सूची में शामिल उम्मीदवारों को 5 फरवरी 2024 से 9 फरवरी 2024 तक आयोग कार्यालय में बुलाया गया था। योग्यता सत्यापन। अतिरिक्त विचारित सूची में सफल उम्मीदवारों की पात्रता सत्यापन 13 मई 2024 से 17 मई 2024 तक आयोजित किया गया था।
इस दौरान अभ्यर्थियों के फोटो हस्ताक्षर और अभ्यर्थियों द्वारा दिये गये मूल दस्तावेजों की जांच की गयी। इस प्रक्रिया के दौरान, उम्मीदवार रामलाल मीना पात्रता जांच के लिए 15 मई 2024 को अजमेर में आरपीएससी कार्यालय में उपस्थित हुए। इस दौरान अभ्यर्थी रामलाल मीना द्वारा उपस्थिति रजिस्टर में लगाई गई फोटो मेल नहीं खा रही थी। फोटो का मिलान नहीं होने से स्पष्ट है कि अभ्यर्थी रामलाल मीना ने अपने स्थान पर दूसरे डमी अभ्यर्थी को बैठाकर परीक्षा कराई थी।
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