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Rajasthan Child Marriage: 10 साल की उम्र में हुआ था बाल विवाह, 7 साल बाद मिली नई जिंदगी, जानें पूरा मामला

• LAST UPDATED : May 10, 2024

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Rajasthan Child Marriage:  बाल विवाह की कुप्रथा से जुड़ा अक्षय तृतीया का त्योहार अनजाने में सुगंधा (बदला हुआ नाम) के लिए जीत की खुशी लेकर आया। आखातीज के अवसर पर सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी एवं पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ. कृति भारती की मदद से सुगंधा का बाल विवाह बालिग होने से पहले ही निरस्त करा दिया गया। जोधपुर की फैमिली कोर्ट नंबर 2 ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए महज 10 साल की उम्र में सुगंधा का बाल विवाह रद्द कर इस मुद्दे पर समाज को कड़ा संदेश दिया है। इसके साथ ही सारथी ट्रस्ट की डॉ. कृति भारती ने यह किया।  अब तक 51 निर्दोष जोड़ों के बाल विवाह निरस्त कराने की हैट्रिक और लगातार दो बार बाल विवाह निरस्त कराने की अच्छी परंपरा का दोहरा रिकार्ड।

7 साल बाद 17 साल की उम्र में बंधन से मुक्त

जोधपुर जिले के एक ग्रामीण इलाके के निवासी कामठा मजदूर की 17 वर्षीय बेटी सुगंधा को महज 10 साल की उम्र में बाल विवाह के लिए मजबूर किया गया था। सुगंधा 7 साल तक बाल विवाह का दंश झेलती रही। 16 साल की उम्र में उन्हें नपुंसक बना दिया गया और ससुराल भेज दिया गया, जहां उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया गया। इसी बीच सुगंधा को वर्ल्ड टॉप 10 एक्टिविस्ट और बीबीसी 100 प्रेरणादायक महिलाओं की सूची में शामिल पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ. कृति भारती और सारथी ट्रस्ट, जोधपुर की मैनेजिंग ट्रस्टी द्वारा महिला थाने में बाल विवाह उन्मूलन अभियान की जानकारी मिली। सुगंधा ने डॉ. कृति से मुलाकात की और उन्हें समस्या बताई, जिसके बाद डॉ. कृति ने सुगंधा के बाल विवाह को रद्द करने के लिए करीब पांच महीने पहले जोधपुर के फैमिली कोर्ट नंबर 2 में केस दायर किया।  डॉ. कृति ने ही सुगंधा की ओर से पैरवी की और उन्हें बाल विवाह और उम्र से जुड़े तथ्यों की जानकारी दी। जिसके बाद फैमिली कोर्ट नंबर 2 के तत्कालीन जज प्रदीप कुमार मोदी ने 7 साल पहले हुए बाल विवाह को रद्द करने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जब सुगंधा महज 10 साल की थी। जस्टिस मोदी ने इस मामले पर समाज को कड़ा संदेश दिया और कहा कि बाल विवाह से बच्चे का भविष्य खराब हो जाता है। बाल विवाह रोकना पूरे समाज की जिम्मेदारी है।

51 बाल विवाह रद्द, सुप्रथा का डबल हैट्रिक रिकॉर्ड

देश का पहला बाल विवाह रद्द करने के बाद डॉ. कृति भारती ने लगातार अभियान चलाकर 51 जोड़ों का बाल विवाह रद्द कराने का रिकॉर्ड बनाया है। इस साल आखातीज पर बाल विवाह उन्मूलन के साथ-साथ डबल हैट्रिक का रिकॉर्ड भी बना, जिसमें साल 2022, 2023 और 2024 में लगातार आखातीज पर बाल विवाह उन्मूलन की हैट्रिक बनाई गई। 2015, 2016 और 2017 में भी आखातीज पर बाल विवाह निरस्त कराने का हैट्रिक रिकॉर्ड बना था। बाल एवं महिला अधिकार कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता डॉ. कृति का नाम 9 राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड बुक में दर्ज हो चुका है। मारवाड़ और मेवाड़ रत्न सहित कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। आखातीज की कुप्रथा के विरोध में बाल विवाह निरस्त करने की अच्छी प्रथा को एक बार फिर आखातीज के अवसर पर निरस्त कर दिया गया है। सुगंधा के पुनर्वास के लिए बेहतर प्रयास किये जा रहे हैं। मेरा सपना है कि बाल विवाह सिर्फ इतिहास की किताबों में ही दफन हो जाये।

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