India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Jodhpur News: राजस्थान हाईकोर्ट ने 13 वर्षीय नाबालिग को अनचाहे गर्भ को दूर करने के लिए गर्भपात की अनुमति दे दी है। नाबालिग की ओर से उसके माता-पिता ने राजस्थान हाईकोर्ट में गर्भपात के लिए याचिका दायर की थी। जिस पर जस्टिस डॉ. नूपुर भाटी की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया है।
जस्टिस डॉ. नूपुर भाटी की एकलपीठ के समक्ष 13 वर्षीय नाबालिग के माता-पिता की ओर से अधिवक्ता हिमांशु चौधरी ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में बताया गया था कि नाबालिग फरवरी 2024 में अचानक लापता हो गई थी। माता-पिता ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने किशोरी को बरामद कर लिया था।
पुलिस पूछताछ में किशोरी ने बताया कि आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया, जिससे वह गर्भवती हो गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने किशोरी की मेडिकल जांच कराई, जिसमें वह 14 सप्ताह की गर्भवती पाई गई। नाबालिग इस अनचाहे गर्भ को नहीं रखना चाहती थी। पुलिस उसे गर्भपात के लिए उपजिला अस्पताल ले गई। डॉक्टरों ने किशोरी की जांच की। नाबालिग को गर्भपात के लिए चिकित्सकीय रूप से फिट पाया गया है। किसी भी तरह के जोखिम से बचने के लिए उसे किसी बड़े अस्पताल में जाने की सलाह दी गई है।
माता-पिता की ओर से अधिवक्ता हिमांशु चौधरी ने नाबालिग के अनचाहे गर्भ को गिराने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने अतिरिक्त महाधिवक्ता महावीर विश्नोई और उनके सहयोगी गौरव विश्नोई से रिपोर्ट मांगी। जोधपुर के उम्मेद अस्पताल से आए मेडिकल बोर्ड ने जांच के बाद रिपोर्ट पेश की, जिसमें नाबालिग को गर्भपात के लिए फिट पाया गया। कोर्ट ने नाबालिग के परिजनों को तुरंत उम्मेद अस्पताल के अधीक्षक के समक्ष जाकर गर्भपात कराने की अनुमति दे दी। गौरव विश्नोई को निर्देशों का पालन करने के आदेश दिए गए हैं।
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