India News (इंडिया न्यूज़),Rajasthan Elections 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे पास आता जा रहा है, वैसे-वैसे ही कांग्रेस की भी टेंशन बढ़ती जा रही है। तो वही, सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही घमासान कम होने का नाम नही ले रही। जिसके चलते सचिन पायलट ने अजमेर से जयपुर के लिए पैदल यात्रा करने की घोषणा कर दी है।
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— Sachin Pilot (@SachinPilot) May 12, 2023
सचिन पायलट ने 11 मई को आरपीएससी से पैदल यात्रा पर निकलने की घोषणा कर दी है। दरअसल, मसला पेपर लीक का है तो ऐसे में अब बड़ी संख्या में युवाओं के जुड़ने की बात हो रही है। नाराज बैठे युवाओं को जोड़ने और उन्हें उम्मीद देने की कोशिश की जाएगी।
पदयात्रा का इतिहास कोई बहुत पुराना नहीं है
राजस्थान में राजनेताओं की पदयात्रा का इतिहास कोई बहुत पुराना नहीं है। आपको बता दें कि सचिन से पहले बीजेपी के उप नेता प्रतिपक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने भाजयुमो अध्यक्ष रहते हुए अजमेर से भरतपुर तक की कुल 551 किमी की दूरी पैदल ही तय की थी। उनके बाद और पहले किसी भी नेता ने राजस्थान में पैदल चलने की हिम्मत नहीं जुटा पाई।
जनजागरण यात्रा 14 मार्च से 7 अप्रैल तक हुई
डॉ. सतीश पूनिया ने वर्ष 1999 में युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए अजमेर से लेकर भरतपुर तक 551 किलोमीटर की जनजागरण पदयात्रा निकाली थी। यह यात्रा लगभग एक महीने तक चली थी। यह यात्रा 14 मार्च से लेकर 7 अप्रैल तक यात्रा हुई थी। इसके बाद उन्होंने जुलाई 2022 को द्रौपदी मुर्मू के देश की राष्ट्रपति बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार अभिनंदन व्यक्त करने के लिए बांसवाड़ा के त्रिपुरा सुंदरी माता मंदिर से डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम तक आदिवासी भाई-बहनों के साथ लगभग 45 किलोमीटर की पदयात्रा निकाली। उस समय पूनिया राजस्थान में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे।
ऐसी यात्राओं से लाभ मिलता है
ऐसा कहा जाता है कि ऐसी यात्राओं से लाभ मिलता है। लोग जुड़ते हैं। कई विधानसभा क्षेत्रों पर इसका असर पड़ेगा। हालांकि, राजस्थान में पैदल चलने वाले नेताओं का इतिहास कुछ ज्यादा नहीं रहा है।