India News (इंडिया न्यूज़), Parenting Tips: हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चें फ्यूचर में सक्सेसफुल बनें। इसके लिए वे उसे अच्छे से अच्छे स्कूल में भेजते हैं। लेकिन इसी बीच आपके बच्चा आगे चलकर कैसा बनेगा उसका सबसे बड़ा फेक्टर है पैरेंटिंग और आदतें। आप अपने बच्चों को छोटी उम्र में जिन आदतों को सिखाते हैं बड़ा होकर वो उन्हीं आदतों को अपनाता है।
आशीर्वाद के लिए पैर छूने से लेकर विदाई लेने तक, भारतीय समाज में कम उम्र से ही बड़ों का सम्मान किया जाता है। जिन बच्चों को अपने बड़ों का सम्मान करना सिखाया जाता है उनमें सहानुभूति, कृतज्ञता और विनम्रता विकसित होती है। बड़ों का सम्मान करना अच्छे व्यक्तित्व की निशानी है। एक अच्छे आचरण के साथ आपके बच्चे को सफलता के कदम चूमने से कोई नहीं रोक सकता।
माता-पिता अक्सर बचत और मितव्ययिता के मूल्य पर जोर देते हुए उदाहरण के तौर पर बजट बनाना सिखाते हैं। उनके पास अक्सर किराना सामान की सूची तैयार रहती है और वे राशन देने में माहिर होते हैं। चाहे वह दाल को फिर से भरने के लिए एक खाली कंटेनर का उपयोग करना हो या टूथपेस्ट का उपयोग तब तक करना हो जब तक कि उसमें मौजूद प्रत्येक ग्राम की सामग्री फट न जाए, वे खर्च किए गए पैसे का सर्वोत्तम उपयोग करने के महत्व को समझाते हैं। इच्छाओं पर जरूरतों को प्राथमिकता देकर, वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करके और भविष्य के लिए योजना बनाकर, माता-पिता जरूरतों और चाहतों के बारे में बहुत कुछ सिखाते हैं। खरीदारी जैसे रोजमर्रा के अनुभवों के माध्यम से, वे बच्चों को सोच समझकर खर्च करना और बचत करना सिखा सखते हैं।
केवल पढ़ाई ही नही रोजमर्रा के छोटे मोटे काम जैसे चीजों को ठीक जगह पर रखना। खाना खाने के बाद बर्तन सिंक में डालना। टॉवल को सही जगह तांगना। जो चीज जहां रखी है उसे वहीं रखना। इन सब चीजों के लिए बच्चों को कभी-कभी डांट-फटकारना जरूरी हो जाता है। इससे बच्चों में सेल्फ डिसिप्लिन की आदत डेवलप होती हैं।
ये भी पढ़ें-Rajasthan: स्कूल टीचर ने 5 साल की मासूम का तोड़ा हाथ, कई गंभीर आरोप लगे
ये भी पढ़ें-IPL 2024: IPL से एक महीने पहले सील हुआ Rajasthan Royals…
ये भी पढ़ें-Dwarika: क्यों और कैसे डूबी श्री कृष्ण की द्वारका नगरी? जानिए पौराणिक इतिहास