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Rajasthan News: सरकारी अस्पताल का सीनियर डॉक्टर सस्पेंड, जानें पूरा मामला

• LAST UPDATED : May 16, 2024

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Rajasthan News: राजस्थान में सरकारी अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिसके चलते एक बड़े सीनियर डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। बता दें कि, अंग प्रत्यारोपण मामले में फर्जी एनओसी जारी करने के आरोप में राजस्थान सरकार ने बुधवार को सवाई मान सिंह सरकारी अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर राजेंद्र बागड़ी को निलंबित कर दिया। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने ये जानकारी दी है। साथ ही डॉ. बागड़ी, डॉ. अचल शर्मा और डॉ. राजीव बाघरहट्टा को सेवा नियमों के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

क्या है पूरा मामला, (Rajasthan News)

इस महीने की शुरुआत में, डॉ. शर्मा और डॉ. बगरहट्टा को क्रमशः एसएमएस अस्पताल अधीक्षक और एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल के पद से हटा दिया गया था। अधिकारियों ने कहा कि शर्मा और बगरहट्टा को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने वाली राज्य प्राधिकरण समिति की बैठकों में शामिल नहीं होने के कारण हटा दिया गया था। फर्जी एनओसी मामले की जांच कमेटी की रिपोर्ट सरकार को सौंपे जाने के बाद यह कार्रवाई की गई है. जांच समिति ने यह भी पाया कि प्रत्यारोपण के 269 मामले ऐसे थे जिनमें अंग दाता और अंग प्राप्तकर्ता करीबी रिश्तेदार नहीं थे। साथ ही, एक वर्ष में किए गए कुल अंग प्रत्यारोपणों में से 171 विदेशी नागरिकों के प्रत्यारोपण चार निजी अस्पतालों में किए गए।

खींवसर ने बुधवार को बताया कि सवाई मानसिंह अस्पताल के वरिष्ठ प्रोफेसर (जनरल सर्जरी) डॉ. बागड़ी को अप्रैल 2022 में राज्य प्राधिकरण समिति का समन्वयक नियुक्त किया गया था। उन्होंने बताया कि बैठक के नोटिस डॉ. बागड़ी के हस्ताक्षर से जारी किये गये थे। जिस पर बैठक की तिथि व समय अंकित नहीं था। खींवसर ने कहा, ”ये सभी तथ्य बताते हैं कि डॉ. राजेंद्र बागड़ी को एनओसी के लिए लगातार आ रहे आवेदनों की पूरी जानकारी थी। ” इसके बावजूद बैठकें नहीं हुईं और बैठकें न होने का मुख्य कारण डॉ. बागड़ी थे।

जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी गई

शासन को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया, जिसके आधार पर डॉ. बागड़ी को निलंबित कर दिया गया और नोटिस जारी किए गए। मंत्री ने कहा, ”2020 से 2023 तक अंग प्रत्यारोपण से जुड़ी प्रक्रिया में विभिन्न स्तरों पर घोर लापरवाही और अनियमितताएं हुईं।” इस संबंध में अन्य राज्यों से भी शिकायतें प्राप्त हुई थीं। राज्य सरकार द्वारा डॉ. अचल शर्मा और डॉ. राजीव बगरहट्टा के खिलाफ कार्रवाई के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वह ‘स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन’ (एसओटीओ) के लिए गठित एक समिति के अध्यक्ष थे। स्वास्थ्य मंत्री ने उन पर कांग्रेस शासन के दौरान कई अनियमितताओं का आरोप लगाया।

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