India News Rajasthan ( इंडिया न्यूज़), Shiv Ji: भगवान शिव को भोलेनाथ, नीलकंठ और अर्धनारीश्वर जैसे कई नामों से जाना जाता है और ऐसा माना जाता है कि जो भक्त सच्ची श्रद्धा से उनकी पूजा करते हैं उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। अक्सर हमने देखा है कि भगवान शिव हमेशा ध्यान मुद्रा में रहते हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि उनका ध्यान किस ओर है।
शिव आदि हैं और अनंत हैं। पद्म पुराण और शिव पुराण में उनका वर्णन मिलता है कि उन्होंने ही इस सृष्टि को आदि से स्थापित किया है और अंत के बाद भी इसका अस्तित्व बना रहेगा। उन्हें त्रिदेवों में सर्वोच्च शक्ति माना जाता है और सभी देवताओं द्वारा उनकी पूजा की जाती है। उन्होंने आदिशक्ति के साथ मिलकर ब्रह्मांड में जीवन को संभव बनाया।
शिव पुराण में बताया गया है कि भगवान शिव श्रीराम का ध्यान करते हैं। इसके बारे में एक कथा प्रसिद्ध है कि माता पार्वती ने उनसे पूछा कि आप तो स्वयं देवों के देव माने जाते हैं, फिर आप किसका ध्यान करते हैं। शिव ने जवाब दिया कि वह जल्द ही इसका जवाब देंगे। तब उन्होंने ऋषि कौशिक को राम रक्षा स्तोत्र लिखने का आदेश दिया। ऋषी कौशिक को ज्ञान प्राप्त करने की शक्ति दी गई, जिसके कारण उन्होंने राम रक्षा स्तोत्र लिखा और शिव ने माता पार्वती को राम रक्षा स्तोत्र पढ़कर सुनाया। इससे पता चलता है कि भगवान शिव विष्णु के अवतार श्री राम का ध्यान करते हैं, क्योंकि राम नाम भगवान विष्णु के हजारों नामों में से एक है। इसीलिए वह शिव के उपासक हैं।
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