India News ( इंडिया न्यूज ) Jaguar: जगुआर एक कम ऊंचाई पर उड़ने वाला लड़ाकू विमान है। जिसके उत्पाद के लिए फ्रांस और ब्रिटेन ने साझेदारी की थी। लेकिन इसे इतनी सफलता नही मिली, जितनी इससे उम्मीद जताई जा रही थी। इन सब के बीच मेंजबान देशों में भारत जगुआर का सबसे बड़ा समर्थक रहा है। बता दें कि इस विमान का इस्तेमाल 1990 के दशक के वक्त कई लड़ाईयों में किया गया था। वहीं कुछ देशों द्वारा अभी भी इस विमान का इस्तेमाल किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार एसईपीईसीएटी, बीएई और भारत के एचएएल ने कुल 543 जगुआर का निर्माण किया है।
जगुआर विमान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह हाई-विंग लोडिंग डिजाइन के कारण ये कम ऊंचाईयों पर स्थिरता से उड़ सकता है। साथ ही इस डिजाइन की वजह से जंगी हथियारों को ले जाने में काफी सहूलियत मिलती है। विमान के कंधों पर मौजूद पंखो से इसे शानदार ग्राउंड क्लीयरेंस मिलता है जिसकी वजह से यह जमीन पर आसानी से हमला करता है। बता दें कि इस लड़ाकू विमान का निर्माण फ्रांस, बिट्रेन में बीईए और भारत में एचएएल के द्वारा किया जाता है।
1. ये विमान 28.51 फीट चौड़ा, 55.22 फीट लंबा और 16.04 फीट ऊंचा है।
2. अगर एक खाली जगुआर विमान की बात करें तो इसका वजन 7700 किलोग्राम है।
3. ये 1700 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड के साथ उड़ सकता है।
4. विमान के अंदर अधियार की क्षमता अधिकतम 30 एमएम के दो एडीईएन या डीईएफए गोले हैं।
5. इसके साथ साढ़े चार हजार किलोग्राम वजन तक के हवा से जमीन पर हमला करने वाले और हवा से हवा में हमला करने वाले रॉकेट समेत कई तरह के हथियार इसमें लोड हो सकते हैं।
6. संचालक करने वाले देशों में इक्वाडर, फ्रांस, भारत, नाइजीरिया, ओमान और ब्रिटेन।
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