अपनाएं ये 5 उपाय (Tulsi Care in Winter)
गमले में मिट्टी के साथ रेत का भी प्रयोग करें। बर्तन बहुत छोटा नहीं होना चाहिए और नीचे से पानी निकलने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए। इससे जड़ें गीली होने से बच जाएंगी। सर्दियों में जड़ें गीली रहने से पौधे को नुकसान हो सकता है। यदि खाद एवं उपजाऊ मिट्टी हो तो सर्वोत्तम है।
सर्दियों के दौरान किसी भी पौधे को रोजाना पानी नहीं देना चाहिए। इससे पौधों को नुकसान हो सकता है। अगर आप तुलसी के पौधे को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो इसे एक दिन के अंतर पर पानी दें। सावधान रहें कि पौधे में बहुत अधिक ठंडा पानी न डालें। ताजा नल का पानी डालें क्योंकि यह थोड़ा गर्म है।
ठंड के दिनों में ओस गिरने से तुलसी के पौधे को नुकसान हो सकता है। इसके लिए छत या आंगन में रखी तुलसी को साफ लाल सूती कपड़े से ढक दें। आप चाहें तो छाया भी बना सकते हैं, ताकि ओस की बूंदें पौधे पर सीधी न पड़ें।
चूंकि तुलसी एक पवित्र पौधा है इसलिए इसमें कृत्रिम खाद, यूरिया जैसी चीजें मिलाने से बचना चाहिए। इसमें आप गाय के गोबर से बनी खाद, जैविक खाद का उपयोग कर सकते हैं। समय-समय पर मिट्टी की गुड़ाई करना भी जरूरी है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि पौधे को पर्याप्त पोषण मिले।
आप इसमें नीम की पत्तियों का पानी भी मिला सकते हैं। इसके लिए पानी में कुछ नीम की पत्तियां डालकर उबाल लें। इस पानी को ठंडा करके तुलसी की मिट्टी में डाल दें। इससे इसकी पत्तियां हरी हो जाएंगी।
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