इंडिया न्यूज, उदयपुर
Demand For Establishment Of High Court Bench In Udaipur : उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना को लेकर गत 40 साल से आंदोलन चल रहा है। आंदोनकारियों ने अपनी आवाज विधानसभा से लेकर संसद तक पहुंचायी लेकिन फिलहाल इस मामले में अभी तक फैसला पक्ष में नहीं आया है। गौरतलब है कि शुरूआत हर महीने की सात तारीख को न्यायिक कार्यों के बहिष्कार से हुई थी जो आज भी जारी है। इस बीच कभी यह आंदोलन 40 दिन लगातार चला, कभी एक महीने तो कभी छह महीने तक लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ।
राज्य सरकार ने राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच की अनुशंसा का पत्र लिखा, जिसको चीफ जस्टिस ने खारिज दिया यानी उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच की जरूरत नहीं है। इस मामले में बार एसोसिसएशन उदयपुर के अध्यक्ष गिरजाशंकर मेहता ने बताया कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने बिना किसी रिपोर्ट के पत्र को खारिज कर दिया, इससे हमारा आत्मविश्वास कमजोर नहीं बल्कि बढ़ गया है। हाईकोर्ट बेंच की स्थापना को लेकर आंदोलन और तेज करेंगे। सात मार्च को हम कैंडल मार्च, नुक्कड़ नाटक और मानव श्रृंखला बनाने जा रहे हैं।
गत 30 वर्षों से चुनाव के दौरान हाईकोर्ट बेंच स्थापना की मांग रहा अहम मुद्दा Demand For Establishment Of High Court Bench In Udaipur
इंदिरा गांधी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक जितने भी लोकसभा के चुनाव हुए, उसमें हाईकोर्ट बेंच की स्थापना का मुद्दा छाया रहा। कई लोग इसको दिशाहीन आंदोलन मानते हैं, लेकिन अब भी हर साल होने वाले बार एसोसिएशन के चुनावों में सभी प्रत्याशी इस आंदोलन को आगे बढ़ाने का वादा करते हैं और उस पर वो खरे भी उतरते हैं।
प्रदेश की सियासत में अब फंसा आंदोलन Demand For Establishment Of High Court Bench In Udaipur
जोधपुर हाईकोर्ट बेंच के वकील अन्य किसी भी जिले में हाईकोर्ट बेंच स्थापना का विरोध कर रहे हैं। सीएम अशोक गहलोत भी उसी क्षेत्र से आते हैं। इसलिए कहीं और बेंच स्थापना को लेकर उनका नजरिया भी जोधपुर के पक्ष में ही है। लेकिन, जब उदयपुर में आंदोलन तेज हुआ तो राज्य के बीकानेर, कोटा व अजमेर में भी हाईकोर्ट बेंच की मांग उठने लगी।
उदयपुर का दावा आखिर क्यों है मजबूत Demand For Establishment Of High Court Bench In Udaipur
उदयपुर संभाग आदिवासी यानी जनजाति बाहुल्य इलाका है। यहां अधिकांश लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इस कारण यहां से लोग न्याय के लिए हाईकोर्ट नहीं जा पाते हैं। इसके अलावा जयपुर और जोधपुर की दूरी भी अन्य क्षेत्रों के अलावा उदयपुर से काफी दूर है। जयपुर से ज्यादा नजदीक अहमदाबाद है, ज्यादातर गरीब लोग गुजरात ही मजदूरी के लिए जाते हैं। दूसरा कारण है कि मेवाड़ स्टेट के राजस्थान में विलय होने से पहले उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की थी।
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