Sunday, July 7, 2024
Homeट्रेंडिंगViral News: बाप रे! जमीन से निकली हैरतअंगेज चीजें! जानकर हो जाएंगे...

Viral News: बाप रे! जमीन से निकली हैरतअंगेज चीजें! जानकर हो जाएंगे हैरान

- Advertisement -

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Viral News: तुर्की के एक पुरातात्विक शोधकर्ता को उस समय आश्चर्य हुआ जब उसे जमीन के अंदर 11 हजार साल पुराना खजाना मिला। डरावनी चीजें भी देखने को मिलीं। जब इसकी जांच की गई तो सनसनीखेज खुलासा हुआ, जिसके बारे में जानकर विशेषज्ञ भी हैरान रह गए। इस खुलासे के बाद यह कहा जा सकता है कि जो परंपराएं आज भी हमारे जीवन का अहम हिस्सा हैं, उनका विकास हजारों साल पहले हुआ था। जिस जगह पर यह खोज हुई है उसका नाम बोनकुक्लू तरला आर्कियोलॉजिकल साइट है।

तुर्की के शोधकर्ता को मिले ये सभी गहनें

आभूषण सीधे उनके कानों और ठुड्डी के बगल में पाए गए, जिससे इस बात के पुख्ता सबूत मिले कि इन्हें कान और नाक छिदवाने के लिए पहना जाता था। खोज में पाए गए आभूषणों में से 85 बिल्कुल सही स्थिति में हैं, जो ज्यादातर चूना पत्थर, ओब्सीडियन या नदी के कंकड़ से बने हैं। टीम ने कहा कि उनके अलग-अलग आकार से पता चलता है कि उन्हें कान और निचले होंठ दोनों में पहनने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इतना ही नहीं, इस जांच में यह भी पता चला है कि यह आभूषण सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी पहनते थे।

Also Read: CM Bhajan Lal: बच्चों से दुर्लभ बीमारियां होंगी दूर! CM भजनलाल…

जमीन से मिली मानव हड्डियों जैसी डरावनी चीजें 

विशेषज्ञों ने बताया कि जमीन की खुदाई के दौरान मानव हड्डियों जैसी डरावनी चीजें मिलीं, साथ ही उनमें लिपटे विभिन्न धातुओं से बने आभूषण और आभूषणों के रूप में खजाना भी मिला। जब इन सभी चीजों की कार्बन डेटिंग की गई तो हजारों सालों से चली आ रही कान-नाक छिदवाने की परंपरा के सबूत मिले। अंकारा यूनिवर्सिटी की टीम ने 100 से ज्यादा आभूषणों की जांच के दौरान यह खुलासा किया। अब तक यही माना जाता रहा है कि नाक और कान छिदवाने की परंपरा सौ-दो सौ साल पुरानी है।

Also Read: Holi 2024: होलिका दहन में क्यों जलाए जाते हैं गोबर के…

उस समय बच्चों की नाक नहीं छिदवाई जाती थी

आजकल तो बच्चों के भी नाक-कान छिदवाए जाते हैं, लेकिन तब ऐसा नहीं था। उस दौरान सिर्फ वयस्क ही ऐसा करते थे. जांच टीम ने कहा कि जिस स्थान पर बच्चों को दफनाया गया था, वहां हमें किसी भी प्रकार का कोई आभूषण नहीं मिला, जिससे यह साबित होता है कि उस समय बच्चों के शरीर में छेद करने की कोई परंपरा नहीं थी। शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि इससे पता चलता है कि नाक, कान और होंठ छिदवाने का न केवल सौंदर्य बल्कि सामाजिक महत्व भी है। इससे पता चलता है कि व्यक्ति परिपक्वता तक पहुँच गया है।

Also Read: Rajasthan: SI पेपर लीक केस में बड़ा खुलासा! पुलिस ने जगदीश सियाग को हिरासत में लिया

SHARE
RELATED ARTICLES

Most Popular