India News (इंडिया न्यूज़), Vayu Shakti 2024: राजस्थान के जैसलमेर में 17 फरवरी को IAF फाइटर जेट का अभ्यास होने जा रहा है। इस अभ्यास में वायु सेना के प्रमुख जेट का अभ्यास होगा। इस भारतीय वायुसेना के अभ्यास वायुशक्ति में राफेव लड़ाकू जेट तथा प्रचंड हमले के हेलिकॉप्टर के साथ-साथ सभी फ्रंटलाइन विमान भाग लेने वाले है।
राफेल लड़ाकू जेट तथा प्रचंड हमले के हेलिकॉप्टर के साथ-साथ सभी फ्रंटलाइन विमान वायुशक्ति अभ्यास में भाग लेने वाले है। एपी सिंह द्वारा बताया गया कि वे अभ्यास में सेना की बंदूकें भी एयरलिफ्ट करने वाले है। वायुशक्ति अभ्यास की ये परंपरा साल 1954 से चलती आ रही है। वायुसेना उपप्रमुख द्वारा बताया गया कि वायुसेना इस अभ्यास में लक्ष्य पर उनकी सटीक बमबारी की उनकी क्षमता का प्रदर्शन करेंगी। उन्होंने आगे बताया, “भारत में निर्मित एलसीए तेजस, प्रचंड लड़ाकू हेलीकॉप्टर तथा एएलएच ध्रुव अभ्यास में हिस्सा लेने वाले है। दो घंटे की अवधि में हम एक से दो किलोमीटर के दायरे में लगभग 40-50 टन आयुध गिराएंगे। अभ्यास के दौरान सेना रुद्र हेलिकॉप्टर से हथियार दागेगी तथा चिनूक हेलिकॉप्टर के नीचे सेना की अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर तोपें प्रदर्शित की जाएंगी।”
राफेल लड़ाकू विमान तथा प्रचंड हेलिकॉप्टर पहली बार अभ्यास में हिस्सा लेने वाले है। उनका कहना है कि इस बार पहली बार सतह से हवा में मार करने वाली हथियार प्रणाली समर भी अभ्यास में हिस्सा लेने वाली है। वाइस चीफ एयर मार्शल का कहना है कि “हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों में राफेल की MICA मिसाइल शामिल है एवं LCA तेजस से R-73 मिसाइलें दागी जाएंगी।” इस बार जैसलमेर में होने वाला वायुशक्ति 2024 एक प्रमुख मारक क्षमता को प्रदर्शन करने के लिए होगा। जहां राफेल, Su-30MKI, LCA तेजस, मिराज 2000 तथा मिग -29 के साथ-साथ सभी प्रमुख लड़ाकू विमान अलग-अलग मिसाइलों को दागकर अपनी मारक क्षमता प्रदर्शित करेंगे तथा निर्दिष्ट लक्ष्यों पर बम गिराएंगे।
अभ्यास में 77 लड़ाकू विमान, 41 हेलीकॉप्टर तथा 5 परिवहन विमान हिस्सा लेने वाला है। इसके साथ ही, सतह से हवा, हवा से हवा तथा हवा से ज़मीन पर मारक करने वाले हथियारों का भी प्रदर्शन होगा। अधिकारियों का कहना है कि भारतीय वायु सेना ने अगला अभ्यास गगनशक्ति अभ्यास नियोजित है, जिसमें पूरी भारतीय वायु सेना लद्दाख से हिंद महासागर क्षेत्र एवं भुज से अरुणाचल प्रदेश तक सक्रिय होगी। उनका कहना है कि इस साल अप्रैल में युद्धाभ्यास की योजना करने पर बात चल ही है, जिसमें लड़ाकू विमानों, परिवहन विमानों, हेलीकॉप्टरों तथा ड्रोनों के लगभग सभी बेड़े सभी सीमाओं पर सक्रिय होंगे। उन्हें सौंपे गए कार्यों के मुताबिक आक्रामक तथा रक्षात्मक दोनों मिशनों को अंजाम देंगे। एस-400, या सुदर्शन लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली को भी युद्धाभ्यास के लिए पश्चिमी तथा उत्तरी पक्षों सहित दोनों मोर्चों पर सक्रिय किए जाने की संभावना है।
5 साल में एक बार आयोजित होने वाले अखिल भारतीय स्तर के अभ्यास गगनशक्ति में एसयू-30 एवं बाकि समुद्री भूमिका वाले लड़ाकू विमान स्क्वाड्रनों को नौसेना संपत्तियों समेत निकट समन्वय में उड़ान भरते हुए देखने की संभावना है, जिसमें पी-8आई समुद्री निगरानी विमान तथा शामिल हैं।
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