India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधीन संचालित राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद (एनसीपीएसएल) की कार्यकारिणी बैठक में भाग लिया। बैठक के दौरान देवनानी ने कहा कि बच्चों को पढ़ाई जाने वाली सिंधी भाषा का पाठ्यक्रम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020) के अनुरूप तैयार किया जाएगा। इसके लिए एक समिति का गठन किया गया है जो एक माह के भीतर यह काम पूरा कर रिपोर्ट राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद को सौंपेगी।
जल्द मिलेंगे सार्थक परिणाम,(Rajasthan News)
देवनानी ने बताया कि कार्यकारिणी की बैठक में परिषद द्वारा संचालित सिंधी भाषा शिक्षण पाठ्यक्रम योजना (एसएलएलसीएस), सिंधी भाषा के उत्थान के लिए चलाई जा रही ‘स्वैच्छिक संगठन योजनाओं’ के साथ-साथ सिंधी भाषा से संबंधित प्रकाशन योजना की समीक्षा की गई। साथ ही उनसे जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा कर नये सुझाव भी इस समीक्षा बैठक के दौरान परिषद सदस्यों के समक्ष रखे गये।
भाषा के विकास के लिए कार्य जरूरी
देवनानी ने कहा कि राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधीन संचालित है और केंद्र सरकार भाषाओं के विकास एवं उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है, इसलिए मंशा के अनुरूप भाषा का विकास करना भाषा विकास परिषदों का दायित्व है। एक लोकप्रिय सरकार और उसके उत्थान के लिए कार्य करना चाहिए, जिससे उस भाषा को जानने, समझने और पढ़ने वाले लोगों को लाभ हो सके। आपको बता दें कि सिंधी भाषा उत्तर-पश्चिमी समूह और भारत-पाकिस्तान उपमहाद्वीप की एक प्रमुख साहित्यिक भाषा है। इसकी उत्पत्ति एक प्राचीन इंडो-आर्यन बोली या प्राथमिक प्राकृत से हुई है, जो वेदों के लेखन से पहले या संभवतः उससे भी पहले सिंध क्षेत्र में बोली जाती थी। इस बोली का प्रभाव कुछ हद तक ऋग्वेद की ऋचाओं पर देखा जा सकता है।
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