India News (इंडिया न्यूज), Bhiwani : स्वच्छता को लेकर किसी का जुनून और जज्बा देखना हो तो इसका जीवंत उदाहरण है, हरियाणा के भिवानी जिला के कारीमोद के 70 वर्षीय निवासी रामचंद्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2014 में स्वच्छता अभियान से प्रेरित होकर अपने गांव, जिले ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों में भी झाडू लगाकर और सफाई करके स्वच्छता का संदेश दे रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व से प्रभावित स्वच्छता के प्रहरी रामचंद्र पिछले 10 सालों के दौरान 200 से अधिक स्थानों पर सफाई कर चुके है। वे जहां भी सफाई करते है, सुबह 5 बजे से शुरू करते हुए 7 से 8 घंटे अकेले सफाई करते है। इस दौरान स्वच्छता को महत्व देने वाले ओर लोग भी उनको देखकर उनके साथ सफाई में जुट जाते है।
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स्वच्छता प्रहरी कारीमोद निवासी रामचंद्र अपने गांव कारीमोद की सफाई करके गांव को पॉलिथीन मुक्त गांव पहले ही घोषित करवा चुके है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोंदी के वटनगर में जाकर वहां के सार्वजनिक स्थानों पर 8 बार सफाई करके आ चुके है। रामचंद्र बताते है कि वे अपने सफाई के अभियान को सुबह 5 बजे शुरू करते है। स्कूल हो, कॉलेज हो, बस स्टैंड हो या सार्वजनिक स्थल। वहां पर वे 5 से 7 घंटे सफाई करते है तथा कूड़े को डिस्पोज करने के बाद ही उस स्थान को छोड़ते है। उनका मानना है कि सफाई में भगवान बसते है। जहां स्वच्छता होगी, वहां बीमारियां व कीटाणु नहीं फैलेंगे। उनका आम लोगों को यह भी संदेश है कि प्रत्येक व्यक्ति को घर के अलावा अपने आस-पास के क्षेत्र 5 मिनट जरूर सफाई करनी चाहिए। यदि प्रत्येक व्यक्ति 5 मिनट सफाई को अपना लेगा तो पूरा भारत स्वच्छ हो जाएगा।
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रामचंद्र से जब यह पूछा गया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता के अभियान से कैसे प्रेरित हुए तो उन्होंने बताया कि वे जब ड्राईविंग का कार्य करते थे तो उनकी बस 1972 में गुजरात जाती थी, जहां उन्हे आना-जाना होता था। उसी से प्रभावित होकर वे इस कार्य में जुट गए। उसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा के प्रभारी बने, उनकी कार्यप्रणाली को देखकर वे प्रधानमंत्री मोदी का अनुसरण करने लगे। रामचंद्र बताते है कि वे प्रधानमंत्री मोदी को अपना भगवान मानते है। वे प्रधानमंत्री मोदी को कृष्ण और खुद को सुदामा बताते है। उन्हे उम्मीद है कि एक दिन प्रधानमंत्री मोदी उनके इस कार्य को देखते हुए जरूर अपने पास बुलाएंगे। वे मोदी से मिलने की इच्छा को लेकर अपने क्षेत्र लोहारू से दिल्ली की पैदल यात्रा भी कर चुके है।
रामचंद्र 1990 में प्रधानमंत्री मोदी से मिले थे, जिसके बाद वे उन्हे आज तक दोबारा नहीं मिल पाए है। रामचंद्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वडनगर स्थित चाय के खोखे के पास भी सफाई कर चुके है, जिसका चित्र वे दिखाते है। स्वच्छता में उन्हे दिल्ली, राजस्थान सहित विभिन्न विभागों, प्रशासनिक अधिकारियों और स्कूल संचालकों द्वारा उन्हे प्रशस्ति पत्र भी दिए गए है। उनकी इच्छा है कि वे अपने अंतिम समय तक सफाई और स्वच्छता के कार्य को करते रहे। वे युवाओं से आह्वान भी करते है कि युवा इस कार्य में जुटे और अपने आस-पास के क्षेत्र को साफ व स्वच्छ रखे, ताकि स्वच्छ भारत का निर्माण हो सकें। उनका मानना है कि जब भारत स्वच्छ होगा तो स्वस्थ भी होगा।