Rajasthan : राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan assembly elections) इस साल के अंत में होने हैं। अलग अलग पार्टियों ने अपनी अपनी अपनी-अपनी रणनीति बनाने के लिए तैयारियां शुरु कर दी हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने सत्ता में आने के लिए महंगाई राहत शिविरो (dearness relief camps) की शुरुआत की है।
काग्रेंस सरकार सरग़ना का समर्थन पा रही हैं
वहीं राजस्थान की राजनीति के लोगो का मानना है कि गहलोत सरकार इस समय फ्रंटफुट पर खेल रहे हैं। काग्रेंस सरकार सरग़ना का समर्थन पा रही हैं। स्वतंत्रता से विधानसभा चुनाव से संबंधित फैसले ले सकते हैं। बीजेपी का गुजरात मॉडल कांग्रेस विधानसभा चुनाव में अजमा सकती हैं।
पुराने विधायकों को गुजरात विधानसभा चुनाव में टिकट दिया था
बीजेपी ने अपने कई पुराने विधायकों को गुजरात विधानसभा चुनाव में टिकट दिया था। लेकिन चुनाव के रिजल्ट चोकाने वाले आए थे। गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इतिहास में सबसे बड़ी जीत हासिल की। विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने विधानसभा की 182 में से 156 सीटों पर जीत दर्ज कर ली थी।
गहलोत सरकार अपनी योजनाओं को गिनानें में लगी हुई
राजस्थान की राजनीति पर लोगो का मानना हैं कि अशोक गहलोत गुजरात मॉडल को अपनाना चाह रहे हैं। राजस्थान के कई विधायकों को टिकट दे सकता हैं। राज्य की गहलोत सरकार भी अपनी योजनाओं को गिनानें में लगी हुई है। मुख्यमंत्री ने मीडिया से सचिन पायलट का नाम लिए बिना कहा कि हमें आपस में न लड़वाएं। जनता से हम विकास कार्यों के आधार पर वोट मांगेंगे। उन्होंने कहा कि सर्वे के मुताबिक राजस्थान में दोबारा काग्रेंस की ही सरकार बनेंगी।
गहलोत ने कहा कि, “मैंने पहली बार माफी मांगी
गहलोत ने कहा कि, “मैंने पहली बार माफी मांगी। सरकार को गिराने की कोशिश हमेशा मोदी सरकार करेगी। अमित शाह ने हमारे विधायकों को मिठाई खिलाई थी। 102 लोगों को कैसे भूल सकता है। 10 करोड़ का रेट था, बाद में 10, 20, 50 करोड़ की बात होने लगी। मैं रहूं या नहीं रहूं, यह अलग बात है, मैं विधायकों का पैरेन्टस हूं। आज दो-चार विधायक मेरे खिलाफ कमेंट भी कर देते हैं तो मैं बुरा नहीं मानता हूं।”