Sunday, July 7, 2024
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Udaipur: सीतामाता सेंचुरी के दर्शन करने आते है लाखो लोग, देखते है खुबसुरत नजारे

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India News (इंडिया न्यूज़),Udaipur News: राजस्थान का उदयपुर शहर जिसे प्रकृति ने सबसे हटकर सुंदरता का वरदान दिया है। राजस्थान का यह शहर अपने झीलें, पहाड़, राजस्थान का सबसे घना जंगल की खूबसूरती से खूबसूरत है। जिस कारण यहां 6 सेंचुरी हैं। इसी में से एक सीतामाता सेंचुरी भी है। लेकिन बता दें कि अभी यहां मेला लग रहा है जिसे सीतामाता का मेला कहा जाता है। इसी मेले में देवी के दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में 3 राज्यों से गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश के लोग पहुंच रहे हैं।

उदयपुर से प्रतापगढ़ शहर में बस से सफर

यहां लोग देवी के दर्शन के साथ-साथ घने जंगल में पिकनिक मनाने भी आते है। यह मेला 17 मई से शुरू हुआ था जो अभी चल रहा है। बता दें कि यह मंदिर और सेंचुरी उदयपुर संभाग के प्रतापगढ़ जिले में है। यहां उड़न गिलहरी सबसे प्रसिद्ध मानी जाती है। यहां पहुंचने के लिए उदयपुर से प्रतापगढ़ शहर में बस से पहुंचने में कुछ की किलोमीटर दूर अभयारण्य और मंदिर है। यहां पहुंचने के लिए उदयपुर से करीब 4-5 घंटे का सफर तय करना पड़ता है। खास बात यह है कि परिवार के साथ छुट्टियां बिताने की यह काफी अच्छी जगह है।

पहाड़ों से रिसता पानी

यहां काफी डीप फ़ॉरेस्ट होने के कारण यहां ना मोबाइल नेटवर्क है और ना ही पीने के पानी की व्यवस्था। यहां सिर्फ प्राकृतिक पानी है, जो पहाड़ों से रिसता हुआ आता है। बता दें कि यहां सीतामाता के दर्शन करने आए लोगों की मदद के लिए पुलिसकर्मी और ग्रामीण डटे हुए हैं। कई ग्रामीण जगह-जगह बर्तन में पानी लेकर खड़े हैं जो आने वाले लोगों की प्यास बुझाते हैं। साथ ही पुलिसकर्मी कानून व्यवस्था को संभाले हुए रहते हैं।

हनुमान जी को आम के पेड़ से बांधा गया

सीता माता अभ्यारण्य में जंगल के साथ पौराणिक महत्व भी है। यहां सीता माता मंदिर, लव कुश जन्म स्थली, महर्षि विश्वामित्र आश्रम, लक्ष्मण बावड़ी, 12 बीघा में फैला बरगद, जहां हनुमान जी को आम के पेड़ से बांधा गया। मंदिर जहां सीतामाता धरती की गोद में समाई थी। वहां दो पहाड़ियों के बीच की दरार, ठंडी और गर्म जलधारा जैसे कई पवित्र और पौराणिक महत्व के स्थल हैं। एक तरफ जहां लोग इनके दर्शन करते हैं तो वहीं पिकनिक मनाते हैं।

 

 

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