Sunday, June 30, 2024
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देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन वंदे भारत से अब 1 घंटे में दिल्ली से जयपुर पहुंचेंगे यात्री, जानें रेलवे का प्लान

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(इंडियी न्यूज),जयपुर: (Trains will be made from railway aluminum) भारत में बुलेट ट्रेन चलने में अभी दो से तीन सालों का समय लगेगा। बुलेट ट्रेन से पहले देश की पहली सेमी हाई-स्पीड ट्रेन वंदे भारत नया रिकॉर्ड बनाने वाली है। बता दे कि वंदे भारत अभी देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन है। फिलहाल यह 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलती है। लेकिन जल्द ही इसकी रफ्तार बढ़ कर 200 किलोमीटर होने वाली है। इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) के पूर्व जीएम और वंदे भारत के निर्माता सुधांशु मणि ने कहा है कि भारतीय रेल के इतिहास में यह बहुत बड़ा बदलाव है।

अब रेलवे एल्युमीनियम से बनाई जाएंगी ट्रेनें

अभी देश में ट्रेनों का निर्माण स्टेनलैस स्टील से होता है जिस कारण ट्रेनों का वजन ज्यादा होता है और वह ज्यादा रफ्तार से नहीं चल पाती है। अब रेलवे, स्टेनलैस स्टील की जगह एल्युमीनियम से ट्रेनों का निर्माण करने जा रहा है। एल्युमीनियम का घनत्व (डेन्सिटी) कम होता है। इस कारण यह हल्की होती है और इसे काफी रफ्तार से चलाया जा सकता है।

इससे ऊर्जा की खपत कम होगी। सबसे पहले वंदे भारत ट्रेनों को एल्युमीनियम से बनाया जाएगा जिससे इसकी वर्तमान रफ्तार में 20 किलोमीटर प्रतिघंटा की वृद्धि होगी और यह 200 की रफ्तार से दौड़ने लगेगी। हालांकि इससे लागत बढ़ जाएगी।

स्विस कंपनी स्टेडलर के साथ मिलकर ट्रेन बनाएगी

एल्युमीनियम से ट्रेनों के निर्माण के लिए दो कंपनियों ने 30000 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। पहली कंपनी भारत की है इसका नाम है मेधा सर्वो ड्राइव्स है जो स्विस कंपनी स्टेडलर के साथ मिलकर ट्रेन बनाएगी। एक अन्य कंपनी है फ्रांस की।

एल्सटोम नाम की फ्रांसीसी कंपनी दिल्ली मेट्रो के कोच बनाने का काम करती है। अभी वंदे भारत कम दूरी के बीच चलती है। इसमें सिर्फ चेयरकार होता है। लेकिन जब लंबी दूरी पर इसको चलाया जाएगा तो इसमें स्लीपर कोच की भी जरूरत पड़ेगी।

वंदे भारत से दिल्ली से रांची की यात्रा 8 घंटे में होगी पूरी

दिल्ली से हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस से जाने में लगभग 17 घंटे का समय लगता है। जबकि अन्य ट्रेनों से 20 से 25 घंटे का समय लगता है। लेकिन वंदे भारत से यह दूरी सिर्फ 10 घंटे में तय हो जाएगी। वही दिल्ली से रांची की यात्रा 8 घंटे में हो सकेगी। रेलवे का लक्ष्य है कि 2024 तक पहली स्लीपर वंदे भारत ट्रेन को चलाने का है।

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