नागौर:(Campaign to get dowry free marriage started in Rajput society): राजपूत समाज की शादी में अगर किसी बात की चर्चा रहती है तो वह है टीके की रकम और दहेज। लड़की कितना दहेज लेकर आई, बरातियों को क्या दिया। इसीलिए मां-बाप के लिए बेटियां बोझ हो जाती हैं और यही सब समाज में प्रतिष्ठा का विषय बन जाता है। यही कारण कई बार रिश्तों में खटास भी ले आते है।
इसी कड़ी में राजस्थान के नागौर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां इस कुप्रथा को खत्म करने के लिए दूल्हे के पिता नंद सिंह राजावत ने राजपूत समाज में दहेज मुक्त विवाह करवाने की मुहिम शुरू की है।
शादी में सभी ने दूल्हे की दिल खोल कर की तारीफ
हाल ही शादियों के सीजन में रियांबड़ी तहसील के ग्राम बनवाड़ा गांव में राजपूत समाज के दूल्हे ने बिना दहेज के शादी कर अनूठी मिसाल पेश की है। जहां शादी में मौजूद सभी लोगों ने दूल्हे के इस निर्णय की दिल खोल कर तारीफ की है। दरअसल, नागौर जिले के गांव बनवाडा में सरकारी नौकरी लगे दूल्हे ने दहेज व टीके में मिले 5 लाख रुपए से भरा हुआ थाल लेने से इनकार कर दिया।
दूल्हे ने अपने इस निर्णय से विवाह में मौजूद सभी लोगों का दिल जीत लिया। इस बीच नन्द सिंह राजावत ने अपने भारतीय सेना के जवान बेटे की शादी बिना दहेज के कर समाज को दहेज रहित शादी करने का संदेश दिया है। शादी में आए मेहमानों ने भी बिना नकदी और सामान लिए शादी सम्पन्न की। इस दौरान लोगों ने शादी की जमकर सराहना करते हुए दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद दिया।
दूल्हा हेलीकॉप्टर से दुल्हन को विदा कराकर ले गया
आपको बता दे कि समाज सेवी घनश्याम सिंह की भतीजी की बारात गांव में आई थी। जहां बारात जिला अलवर के माधोगढ़ से आई और 27 जनवरी यानी शुक्रवार को दुल्हन की विदाई हुई। इस दौरान दूल्हा रोबिन सिंह रजावत हेलीकॉप्टर से दुल्हन सिमरन को विदा कराकर ले गए।
दूल्हे ने बताया कि सिमरन के पिता का सपना था कि उनकी लाडो बेटी उड़कर अपने ससुराल जाए। इस दौरान गांव में हेलीकॉप्टर आने के बाद ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी और सेल्फी लेने कि लोगों में होड़ लग गई।