Sunday, July 7, 2024
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राजस्थान: राज्य में सर्दी रोज बना रही नए रिकॉर्ड, 5 साल बाद आधी जनवरी बिना बारिश के निकली

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(जयपुर): राजस्थान में पारा माइनस में पहुंच चुका है। सर्दी रोज नए रिकॉर्ड बना रही है। देर रात चूरू और फतेहपुर में पारा माइनस में रिकॉर्ड किया गया। अब कुछ दिन पारा बढ़ेगा, फिर मकर संक्रांति से तापमान फिर माइनस में जा सकता है। दरअसल, कुछ दिन बनने के बाद वेस्टर्न डिर्स्टबेंस के कारण पहाड़ों में बर्फबारी होने के आसार बन रहे हैं।

बर्फबारी के बाद बर्फीली हवा पहाड़ी इलाकों से होते हुए राजस्थान आएगी, इससे तापमान में भारी गिरावट होगी। वहीं, रबी की फसल के लिए मावठ का इंतजार कर रहे किसानों को अभी इंतजार करना पड़ सकता है।

मैदानों से आने वाली हवा रुकेगी

मौसम विशेषज्ञों की माने तो 15 जनवरी तक बारिश या बूंदाबांदी के कोई आसार नहीं है। बता दे कि 5 साल बाद ऐसा होगा, कि जब आधी जनवरी बिना बारिश के निकल जाएगी। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 8-9 और 11-12 जनवरी को वेस्टर्न डिर्स्टबेंस का असर उत्तरी भारत में रहेगा। इससे मैदानों से आने वाली हवा रुकेगी और तापमान बढ़ने लगेगा।

घने कोहरे, शीतलहर से कोल्ड-डे की स्थिति

जयपुर समेत कई शहरों में रात का न्यूनतम तापमान 3-4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, झुंझुनूं, अलवर बेल्ट में घने कोहरे से लोगों को राहत मिलेगी। इधर चूरू, सीकर, टोंक, धौलपुर, करौली, भरतपुर समेत अन्य शहरों में शीतलहर से भी राहत मिल सकती है। पिछले कुछ दिनों से लगातार घने कोहरे, शीतलहर से जो कोल्ड-डे की स्थिति बनी हुई थी। इससे 7 जनवरी यानी शनिवार को लोगों को काफी राहत मिली है।

कोटा, बूंदी, बारां में 6 जनवरी यानी शुक्रवार को दिन का तापमान जो 15 से 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास था, वह शनिवार को बढ़कर 20 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया। गंगानगर, हनुमानगढ़ में भी दिन के तापमान में 6 डिग्री सेल्सियस तक का इजाफा हुआ और धूप निकलने से लोगों को राहत मिली।

बारिश या बूंदाबांदी होने के आसार कम

जालौर, डूंगरपुर, जोधपुर, उदयपुर, चितौड़गढ़ में 7 जनवरी यानी शनिवार को अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज हुआ। मौसम विभाग के मुताबिक 8-9 और 11-12 जनवरी को जो वेस्टर्न डिर्स्टबेंस आएंगे, उसका असर राजस्थान के उत्तरी हिस्सों में आंशिक रूप से देखने को मिल सकता है।

हालांकि इन एरिया में बारिश या बूंदाबांदी होने के आसार कम ही हैं। बारिश नहीं होने से रबी की फसल के प्रभावित होने के आसार है।

 

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