Sunday, July 7, 2024
HomeबॉलीवुडThe Kerala Story Review: 'द केरल स्टोरी' फिल्म का रिव्यू, जानिए केरल...

The Kerala Story Review: ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म का रिव्यू, जानिए केरल की युवतियों की दर्दनाक कहानी

- Advertisement -

India News (इंडिया न्यूज़) The Kerala Story Review: बॉलीवुड एक्ट्रेस अदा शर्मा (Adah Sharma) इन दिनों अपनी फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ (The Kerala Story) को लेकर काफी लाइमलाइट में बनी हुई है। बता दें कि ये फिल्म आज बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हो गई है। सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित इस फिल्म की रिलीज से एक दिन पहले एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट ने ‘द केरल स्टोरी’ पर कोई भी कार्रवाई करने से साफ इनकार कर दिया।

जानिए ‘द केरल स्टोरी ‘ की कहानी

फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर एजेंडा फिल्म होने के आरोप लगे हैं। आरोप लगा कि 30 हजार लड़कियों के धर्म परिवर्तन का आंकड़ा झूठा है। ये फिल्म कहानी चार युवतियों की है। बता दें कि तीन पाले के एक तरफ और चौथी दूसरी तरफ है। लेकिन, अगर ये सच्ची कहानी किसी एक भारतीय युवती की भी है तो भी इसे दुनिया को दिखाया ही जाना चाहिए। ‘द केरल स्टोरी’ में तीन लड़कियों शालिनी, नीमा और गीतांजलि की कहानी बताई है, जो नर्स बनने अपने घर से दूर एक कॉलेज में आई हैं। यहां उसकी मुलाकात आसिफा से होती है जो फंडामेंटलिस्ट है और धीरे-धीरे सामने आता है कि ISIS के लिए लड़कियों को रिक्रूट करने का काम भी करती है। वो अपने साथियों की मदद से तीनों को धर्म बदलने के लिए उकसाने लगती है। तीनों लड़कियों में से शालिनी सबसे पहले आसिफा से प्रभावित होने लगती है। उसे आसिफा के एक दोस्त से प्यार भी हो जाता है और आगे की कहानी इस तरफ घूमती है कि दोनों धर्म बदलकर शादी करने को तैयार हो जाते हैं। वहीं शालिनी अब फातिमा बा बन जाती है। लेकिन कहानी में एक ट्विस्ट आता है और फिर फातिमा बन चुकी शालिनी, अपने बच्चे के साथ इराक-सीरिया बॉर्डर पर पहुंची नजर आती है। ऐसा क्या हुआ और कैसे हुआ, ‘द केरल स्टोरी’ इसी की कहानी है। नीमा और गीतांजलि, शालिनी की तरह सीधा ISIS तो नहीं पहुंचते, लेकिन उन्हें इसके नतीजे यहीं भारत में काफी दुखद तरीके से भुगतने पड़ते हैं।

फिल्म के निर्देशन सुदीप्तो सेन

फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर कई आरोप लगे हैं। लेकिन आगे भी लगते ही रहेंगे। इसके निर्देशक सुदीप्तो सेन ने तथ्यों पर कायम रखते हुए एक संतुलित फिल्म बनाने की अच्छी कोशिश की है। बता दें कि विश्व सिनेमा से सुदीप्तो सेन की नजदीकियां यहां उन्हें अपने विषय पर पकड़ बनाए रखने में पूरी मदद करती हैं। सुदीप्तो सेन के सिनेमा के बारे में जिन्हें पता है, वो उनकी शैली के कायल ही रहे हैं। वहीं सिनेमा में मेलोड्रामा पनपने नहीं देते। उनके दृश्यों की नाटकीयता की भी हदें तय हैं और ये हदें ही फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को एक अच्छी फिल्म का तमगा दिलाने में मदद करती हैं। फिल्म के संगीत जैसी ही सरलता इसकी तकनीकी टीम में भी है।

SHARE
RELATED ARTICLES

Most Popular