India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Jalore News: राजस्थान उच्च न्यायालय ने जालोर जिले के बाड़मेर रोड पर ओडवाड़ा गांव में 35 एकड़ चारागाह भूमि पर बने 150 से अधिक पक्के मकानों और लगभग 160 कच्चे बाड़ों को हटाने का आदेश दिया है। इसके बाद गुरुवार को जालोर प्रशासन भारी पुलिस बल के साथ अतिक्रमण हटाने पहुंचा तो ग्रामीण विरोध में उतर आए। भारी हंगामे के बीच पुलिस की ग्रामीणों से झड़प हो गई, जिसमें कई महिलाएं बेहोश हो गईं। लेकिन पुलिसकर्मी नहीं रुके। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पूरी करने के लिए उन्होंने लाठीचार्ज कर ग्रामीणों को वहां से खदेड़ दिया।
अपने घरों पर जेसीबी और बुलडोजर चलते देख वहां मौजूद महिलाएं बेहोश हो गईं। बेघर होते ही छोटी-छोटी बच्चियां चीखने-चिल्लाने लगीं। लेकिन पुलिस की कार्रवाई नहीं रुकी। लाठीचार्ज के बाद भी जो लोग विरोध प्रदर्शन करते दिखे उन्हें पुलिस ने पकड़कर वैन में डाल लिया। इस दौरान की कई तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए हैं, जो इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश भर में राजनीति भी शुरू हो गई है।
दरअसल, 7 मई को हाईकोर्ट ने चारागाह की जमीन पर बने मकानों को हटाने का आदेश दिया था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आज सुबह 7 बजे जब प्रशासन और पुलिस के अधिकारी चारागाह की जमीन पर बने घरों को हटाने के लिए वहां पहुंचे तो ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दी। गांव में बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रशासन ने कल तक के लिए राहत दी है।
आहोर एसडीएम शंकर लाल मीना ने बताया कि न्यायालय के आदेशानुसार कार्रवाई की जा रही है। जिन जगहों पर कोर्ट ने इस पर रोक लगाई है वहां कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अतिक्रमण हटाने के दौरान कई लोगों ने हाथ जोड़कर कहा, कार्रवाई मत करो, हम कहां जायेंगे। इस पर पुलिस ने समझाया। लेकिन जब वे नहीं माने तो पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. मौके पर करीब डेढ़ हजार ग्रामीण मौजूद हैं। ओडवाड़ा की पूर्व सरपंच प्रमिला राजपुरोहित ने बताया कि करीब 3 साल पहले गांव निवासी मुकेश पुत्र मूल सिंह राजपुरोहित और महेंद्र सिंह पुत्र बाबू सिंह राजपुरोहित के बीच जमीन बंटवारे को लेकर विवाद हो गया था। दोनों भाइयों का विवाद हाईकोर्ट तक पहुंच गया। जब जमीन की पैमाइश की गई तो चारागाह की जमीन में करीब 440 मकान निकले। इसके बाद 2022 और 2023 में कोर्ट के आदेश से कुछ कच्चे अतिक्रमण हटाए गए। कोर्ट के आदेश पर गांव में 150 से ज्यादा कच्चे मकान और करीब 160 बाड़ों को हटाने के लिए चिन्हित किया गया।
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