India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Jaipur News : भजनलाल सरकार के रिश्वत मामले में दूदू कलेक्टर के बाद एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पर भी कार्रवाई शुरू हो गई है. एंटी करप्शन ब्यूरो ने आईपीएस अधिकारी विष्णु कांत के खिलाफ 9.50 लाख रुपये की रिश्वत लेने का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इस मामले में आईपीएस विष्णुकांत ने डीआइजी पद पर रहते हुए जयपुर कमिश्नरेट के दो पुलिसकर्मियों से डीजी के नाम पर 9.50 लाख रुपये की रिश्वत ली थी. वर्तमान में आईपीएस विष्णु कांत आईजी (होमगार्ड) के पद पर तैनात हैं।
सब इंस्पेक्टर सत्यपाल पारीक ने आईपीएस अधिकारी विष्णुकांत के खिलाफ दो पुलिसकर्मियों से रिश्वत लेने की शिकायत की थी. इस शिकायत की जांच के बाद मामले को सही माना गया. अब ब्यूरो ने आईपीएस अधिकारी विष्णुकांत और रिश्वत देने वाले हेड कांस्टेबल सरदार सिंह और उनके भाई प्रताप सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है. सत्यपाल पारीक ने यह शिकायत साल 2023 में DIG विष्णु कांत के खिलाफ दी थी, लेकिन वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते ACB ने इस मामले में दिलचस्पी नहीं दिखाई. मजबूरन सत्यपाल पारीक को कोर्ट की शरण लेनी पड़ी. बाद में कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई की गयी.
आपको बता दें कि 4 अक्टूबर 2021 को एसीबी ने जवाहर सर्किल कांस्टेबल लोकेश कुमार को ट्रैप किया था. मामले में हेड कांस्टेबल सरदार सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था. जांच अधिकारी उप अधीक्षक सुरेश कुमार स्वामी ने लोकेश कुमार शर्मा के खिलाफ चालान पेश किया और सरदार सिंह के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं होने के कारण उनका नाम मामले से हटाने की सिफारिश की. तत्कालीन डीआइजी विष्णुकांत ने उपनिदेशक अभियोजन से राय मांगी. अभियोजन उपनिदेशक ने सरदार सिंह को अपराध में शामिल करने तथा इस संबंध में जांच अधिकारी से चर्चा कर निर्णय लेने की अनुशंसा की. डीआइजी विष्णुकांत ने बिना किसी चर्चा के अनुसंधान पदाधिकारी की राय से सहमति जताते हुए सरदार सिंह के विरुद्ध अपराध सिद्ध नहीं माना और उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा कर दी.
सत्यपाल पारीक ने एसीबी को 9 ऑडियो वीडियो पेश किए. इसके बाद एसीबी ने यह मामला दर्ज किया है. इनमें से एक वीडियो सत्यपाल ने खुद रिकॉर्ड किया था. जिसमें हेड कांस्टेबल सरदार सिंह खुद बता रहे हैं कि उनसे रिश्वत की रकम मांगी गई थी और उन्होंने एक बार 7 लाख और दूसरी बार 2.5 लाख रुपए दिए थे. ट्रांसक्रिप्ट बातचीत में भी डीआइजी विष्णुकांत ने महानिदेशक के नाम पर 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी. सरदार सिंह और प्रताप सिंह ने सत्यपाल पारीक को 9.5 लाख रुपए की रिश्वत देने की बात की. इस बात की पुष्टि सरदार सिंह और विष्णुकांत के बीच हुई बातचीत में सामने आई
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