India News(इंडिया न्यूज़ )Health Guide: हम सभी अपने परिवार की सेहत को लेकर चिंतित रहते हैं। लेकिन जब बात खुद के स्वास्थ्य की आती है, तो हम सबसे ज्यादा लापरवाही यहीं बरतते हैं खासतौर से महिलाओं में ये ज्यादा देखने को मिलता है। जैसे काम और निजी जीवन के बीच एक संतुलन बनाना जरूरी है, वैसे ही दूसरे रिश्तों के साथ खुद को प्राथमिकता देना भी आवश्यक है। खुद के देखभाल की शुरुआत सेहत पर ध्यान देने से होती है। इसके लिए जरूरी है कि आप अपना रूटीन चेकअप करवाएं और जरूरत पड़े तो कुछ जरूरी टेस्ट भी करवाएं, जिससे आपके शरीर के अंद्रूनी परिस्थिती का अंदाजा लगाया जा सके। तो आज हम आपको बता ने जा रहे है कुछ जरूरी चेकअप के बारे में जिन्हें हमें करवाना चाहिए। वो इसलिए क्योंकि इससे हमें अपनी बीमारी के बारे में पता चलता है।
डायबिटीज महिलाओं में ऐसे हेल्थ कॉम्प्लिकेशन्स पैदा कर सकता है, जिसका असर लंबे समय तक अलग-अलग फेज़ में नजर आता है। खासतौर से प्रेग्नेंसी, पोस्टपार्टम, स्तनपान और मेनोपॉज के दौरान। डायबिटीज को डायग्नोस करने के लिए ब्लड टेस्ट करवा सकते हैं, जैसे कि फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज (FPG) टेस्ट, ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (OGTT) और ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन (HbA1c) टेस्ट करवा सकते हैं।
थायरॉयड की जांच महिलाओं के लिए काफी जरूरी है। हालांकि, अक्सर इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है। थायरॉयड ग्लैंड के फंक्शन्स की समय रहते जांच की जाती है, जो स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित कर सकते हैं। कभी-कभी अचानक वजन बढ़ना या वजन कम होना थायरॉयड के भी संकेत हो सकते हैं। इसे सुनिश्चित करने के लिए कुछ टेस्ट्स करवाने जरूरी हैं।
पुरुषों और महिलाओं दोनों में एलर्जी को डायग्नोस करने के लिए एलर्जेन-स्पेसिफिक आईजीई (Allergen-Specific IEG) टेस्ट कराना बेहद जरूरी है। लेकिन यह उन महिलाओं खासतौर से महत्व रखता है, जो प्रेग्नेंट हैं या गर्भ धारण करने की योजना बना रही हैं। एलर्जी का मां और बढ़ रहे भ्रूण दोनों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। वहीं कुछ एलर्जी की दवाएं गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित नहीं होते। इसके अलावा अगर कोई महिला स्तनपान करा रही है, तो उसके लिए भी यह टेस्ट कराना बेहद जरूरी हो जाता है।
समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल टेस्ट करवाते रहने से आपके शरीर में अच्छे और बुरे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा का अंदाजा लगता रहता है। हाई कोलेस्ट्रॉल होने से एक उम्र में दिल की समस्याओं और यहां तक कि स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है क्योंकि ये ब्लड वेसेल्स में जमा हो जात है। ऐसे में 30 की उम्र पार करने के बाद सामान्य कोलेस्ट्रॉल वाले व्यक्ति को भी हर 5 साल में एक बार इसकी नियमित जांच करवाते रहना चाहिए।
भागदौड़ भरी जिंदगी में पुरुष हो या महिला समय-समय पर बीपी की जांच करवाना सभी के लिए आवश्यक है। इसे नजरअंदाज करने से व्यक्ति हाइपरटेंशन की चपेट में आ सकता है। इसलिए जरूरी है कि महिलाएं (खासतौर से 35 की उम्र) नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर की जांच करवाती रहें। 120/80 को नॉर्मल ब्लड प्रेशर माना जाता है।