राजा की बेवफा बीवी, जिसने उसे बर्बाद कर दिया
लोक मान्यताओं के आधार पर उज्जैन के राजा भर्तृहरि के संबंध में एक दिलचस्प कथा मिलती है
राजा भर्तृहरि ने अपनी पत्नी की बेवफाई के बाद संन्यासी बन गए थे
राजा भर्तृहरि अपनी सबसे छोटी पत्नी पिंगला से बेहद प्यार करते थे
उन्हीं दिनों उज्जैन में तपस्वी गुरु गोरखनाथ का आना हुआ था
राजा ने गोरखनाथ को दरबार में बुलवाया और खूब आदर-सत्कार किया
इससे गुरु गोरखनाथ खुश हुए
गोरखनाथ ने भर्तहरि को एक फल दिया और बताया कि इसे खाकर आप हमेशा जवान बने रहेंगे
राजा ने सोचा कि क्यों न यह फल पत्नी पिंगला को खिला दिया जाए, इससे वह हमेशा सुंदर बनी रहेगी, राजा ने ऐसा ही किया
पिंगला राजा नहीं बल्कि कोतवाल से प्रेम करती थी, उसने वह फल उसे दिया
लेकिन कोतवाल एक वैश्या के चक्कर में था, कोतवाल ने वह फल वेश्या को दे दिया
वेश्या को खयाल आया कि अगर वह जवान बनी रहेगी तो हमेशा गंदा काम करना होगा, इसलिए उसने यह फल राजा को देने का सोचा
फल को देखते ही राजा उसे पहचान गए, राजा ने पड़ताल की तो उन्हें सच का पता चला
पत्नी पिंगला की बेवफाई से राजा भर्तहरि पूरी तरह से टूट गए
उन्होंने सारा राज्य विक्रमादित्य को सौंप दिया और गुफा में रहने लगे
उज्जैन में आज भी राजा भर्तहरि की गुफा पर्यटकों के लिए दर्शनीय है