राजस्थान में एक पति ने अपनी पत्नी की किडनैपिंग का मामला दर्ज करवाया था

जब मामला कोर्ट तक पहुंचा तो पत्नी ने कहा कि उसका किसी ने किडनैप नहीं किया, बल्कि वो अपनी मर्जी से उस शख्स के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही है

राजस्थान हाई कोर्ट ने कहा कि शादी से इतर जब दो वयस्क सहमति से संबंध बनाते हैं, तो यह कोई कानूनी अपराध नहीं है

राजस्थान हाई कोर्ट ने कहा कि शादी से इतर जब दो वयस्क सहमति से संबंध बनाते हैं, तो यह कोई कानूनी अपराध नहीं है

क्योंकि दोनों में से किसी ने पति या पत्नी के जीवनकाल में दूसरी शादी नहीं की है। जब तक विवाह साबित ना हो जाए, लिव-इन-रिलेशनशिप धारा 494 के तहत नहीं आता।

यह आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था कि उसकी पत्नी का एक शख्स ने अपहरण कर लिया है।

अपनी मर्जी से आरोपी संजीव के साथ लिव-इन रिलेशन में है। इसी पर अदालत ने कहा कि आईपीसी की धारा 366 के तहत अपराध नहीं हुआ है और एफआईआर रद्द की जाती है।

"यह सच है कि हमारे समाज में मुख्यधारा का विचार यह है कि शारीरिक संबंध केवल शादीशुदा जोड़े के बीच हो,

लेकिन जब शादी से इतर दो व्यस्क सहमति से संबंध बनाते हैं तो यह अपराध नहीं है।

 हालांकि, इसे अनैतिक समझा जाता है। "व्यस्क महिला जिसके साथ चाहे रह सकती है: कोर्ट