भारत में कितनी तरह की होती हैं शादियां, सबसे ज्यादा होती है मोनोगेमस मैरिज
आप लव या अरेंज मैरिज के बारे में तो सुने होंगे, लेकिन पूरी दुनिया में कई तरह की शादियां होती हैं। आइए जानते है सभी तरीकें
सिविल मैरिज
सिविल मैरिज जो सरकारी अधिकारी द्वारा कराई जाती है। कई धार्मिक संस्थान द्वारा भी सिविल मैरिज कराई जाती है।
इंटर-फेथ मैरिज
इंटर-फेथ मैरिज तब होता है जब दो अलग-अलग धर्मों के लोग शादी के बंधन में बंधते हैं। ये स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत साल 1954 में बनाया गया था।
कॉमन लॉ मैरिज
जब दो लोग बतौर पति-पत्नी तो रहते हैं, लेकिन उनके पास शादी से जुड़ा कोई भी प्रमाण पत्र न हो तो वो कामन लॉ मैरिज के तहत शादी कर सकते है।
मोनोगेमस मैरिज
मोनोगेमस मैरिज दुनिया भर में काफी प्रचलित है। इसको एकांकी विवाह भी कहा जाता है। इस शादी में जिंदगीभर के लिए केवल दो लोग शामिल होते हैं। जिसमे एक पुरुष और एक स्त्री होती है। मोनोगेमस मैरिज अब भारत में भी देखने को मिलती है।
बहु विवाह
ऐसे विवाह अब बहुत कम देखने को मिलते हैं। इसमें 2 से ज्यादा लोग शामिल होते हैं। इसमें व्यक्ति के एक से ज्यादा जीवनसाथी हो सकते हैं। इसमें स्त्री के एक से ज्यादा पति या पुरुष एक से अधिक महिलाओं के साथ शादी कर सकता है।
शॉट गन मैरिज
अपनी प्रेग्नेंसी छिपानी के लिए शॉट गन मैरिज किया जाता है। कई लोग प्रेग्नेंसी की बदनामी से बचने और दबाव में ये शादी करते है।
कन्वीनियंस मैरिज
कन्वीनियंस मैरिज में राजनीतिक या फाइनेंशियल फायदे देखे जाते है। इस तरह की शादी में लोग एक दूसरे से सिर्फ फायदे के लिए जुड़ते है।