1 नहीं दो चांद लगा रहे धरती का चक्कर ?
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पृथ्वी के पास एक एस्टेरॉयड लंबे वक्त से चक्कर लगा रहा है। इसी को लेकर वैज्ञानिकों ने बड़ी रिसर्च की है।
वैज्ञानिकों ने इसे कामोओलेवा का नाम दिया है. नए खुलासे के बाद इसे 'मिनी मून' बताया जा रहा है।
धरती के करीब एस्टेरॉयड
नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में 19 अप्रैल को प्रकाशित एक नए अध्ययन में पाया गया है कि कामोओलेवा चंद्रमा का टुकड़ा है।
मिनी मून
वैज्ञानिकों का कहना है कि, किसी चट्टान के चंद्रमा से टकराने के कारण ये एस्टेरॉयड अस्तित्व में आया है।
कामोओलेवा
रिसर्च में बताया गया है कि, कामोओलेवा से जो प्रकाश बदल रहा है वो चंद्रमा के पत्थरों से मिलता है।
चट्टान से टकराया चांद
इसके अलावा एस्टेरॉयड की बनावट उम्र और स्पिन सभी चंद्रमा के 22 किमी चौड़े जियोर्डानो ब्रूनो क्रेटर से मिलते जुलते है।
चट्टान से टकराया चांद
कामोओलेवा की खोज 2016 में हलेकाला ऑब्जर्वेटरी के रिसर्चर द्वारा की गई थी.
जियोर्डानो ब्रूनो क्रेटर से नाता
कामोओलेवा की खोज 2016 में हलेकाला ऑब्जर्वेटरी के रिसर्चर द्वारा की गई थी.