India News (इंडिया न्यूज़), Diwali 2023: देशभर में दिवाली का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व प्रकाश का पर्व है, विजय का पर्व है। इस दिन श्रीराम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे। इस दिन को उनके लौटने की खुशी में मनाया जाता है। तब से हर साल दिवाली को पर्व के रूप में मनाया जाने लगा, लेकिन क्या आपको मालूम है कि दिवाली मनाने की और भी कुछ खास वजहें हैं।
कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली मनाई जाती है और इस साल 12 अक्टूबर रविवार को दिवाली का त्यौहार मनाया जाएगा। हममें से अधिकतर लोगों को मालूम होगा कि रावण को मारने के बाद 20 दिन बाद जब भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण अयोध्या वापस आए थे और इसी वजह से दिवाली मनाई जाती है। परंतु इस पर्व से कई मान्यताएं जूड़ी हुई हैं। दिवाली का त्योहार मनाने के कारण तो प्रभु श्रीराम से जुड़ा है। इसके अलावा किन वजहों से दीपावली खास है। आपको बताते है…।।
द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नाम के राक्षस का वध किया था क्योंकि नरकासुर राक्षस ने 16 हजार महिलाओं को बंदी बना लिया था। कृष्ण भगवान ने उन महिलाओं को उस राक्षस की कैद से मुक्त कराया था। नरकासुर के वध और उसके आतंक से मुक्ति के उपलश्र में कार्तिक मास की अमावस्या को दीप जलाए जाते हैं।
पैराणिक कथानुसार जब कौरवों ने छल से पांडवों का राज-पाठ ले लिया था तो उन्हें 13 वर्ष तक वनवास भोगना पड़ा था। जब पांडव वनवास से लौट आए तो कौरवों और उनके बीच महाभारत की जंग हुई थी। युद्ध में पांडव ने विजय प्राप्त करके नगर में प्रवेश किया तो नगरवासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था और तब भी दिवाली मनाई गई थी।
एक और अन्य कथा के अनुसार जब विष्णु भगवान ने वामन रूप लेकर राजा बलि से तीन पग भूमि दान में लेकर उनका सर्वस्व ले लिया और उन्हें सुतल लोक का राजा बनाया था। सुतल में रहने वाले लोगों को जब ये मालूम चला तो उन्होंने दीप जलाकर स्वागत किया था। स्वर्ग के सुरक्षित होने पर भी देवताओं ने दीपोत्सव का त्योहार मनाया था।