India News(इंडिया न्यूज़), (Vasundhara Raje government),जयपुर: राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है। जिसको लेकर सभी विपक्ष पार्टियां एक-दूसरे पर लगातार कटाक्ष कर रही है। लेकिन कांग्रेस में सचिन पायलट और सीएम गहलोत के बीच चल रही घमासान के बाद अब गहलोत और वसुंधरा की केमिस्ट्री को लेकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दोनों ही नेता लगातार इस मुद्दे पर जमकर हमला बोल रहे हैं। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए दोनों पार्टियों के नेता सीएम अशोक गहलोत पर हमला कर रहे है। हाल ही में केजरीवाल ने गहलोत और वसुंधरा का भाई-बहन का रिश्ता बताकर तंज कसा। तो वहीं हनुमान बेनीवाल ने भी गहलोत-वसुंधरा के गठजोड़ के साथ पेपर लीक प्रकरण में सीएम गहलोत को घेरा है।
विधानसभा चुनाव को लेकर हाल ही में श्रीगंगानगर में आम आदमी पार्टी की रैली हुई। इस दौरान आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने चुनावी बिगुल फूंककर गहलोत-वसुंधरा के गठजोड़ को लेकर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि अब वसुंधरा गहलोत की बहन बन चुकी है। इसलिए वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार को लेकर अब कोई जांच नहीं होगी। उन्होंने सीएम गहलोत पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वसुंधरा के शासन में गहलोत कहते थे कि वसुंधरा पैसे खा गई। लेकिन जैसे ही गहलोत की सरकार बनी। वे अपने वादों से मुकर गए और अब वसुंधरा के साथ अपने भाई बहन का रिश्ता निभा रहे हैं। उन्होंने वसुंधरा राजे पर भी बड़ा हमला करते हुए कहा कि उनके शासन में जमकर भ्रष्टाचार हुआ। लेकिन गहलोत उन मामलों की जांच नहीं करवा रहे हैं।
श्रीगंगानगर में आयोजित जनसभा में अरविंद केजरीवाल ने गहलोत को जमकर आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार को लेकर खूब मुद्दा उठाया। आखिर पायलट भी रो रो कर थक गए।लेकिन गहलोत ने उन मामलों की जांच के लिए कोई सुनवाई नहीं की। यह सब गहलोत और वसुंधरा के गठजोड़ का नतीजा हैं। इसके कारण ही पायलट के इतना जोर देने के बावजूद वसुंधरा की खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। बता दें कि सचिन पायलट ने गत दिनों वसुंधरा के भ्रष्टाचार मामलों की जांच समेत तीन प्रमुख मुद्दों को लेकर जन संघर्ष यात्रा निकाली थी। बाद में इस यात्रा को लेकर काफी बवाल हुआ। लेकिन दिल्ली में आलाकमान के साथ सचिन पायलट और अशोक गहलोत की मीटिंग के बाद पायलट मानो इस मामले पर कुछ नरम पड गए। मुद्दे को लेकर अब उनकी कम सक्रिय दिखाई दे रही हैं।