India News (इंडिया न्यूज़), World telecommunication day: आज यानि 17 मई को पूरी दुनिया में विश्व दूरसंचार दिवस मनाया जा रहा है। संचार के क्षेत्र में पिछले कुछ दशकों में तेजी से बदलाव हुआ है, जिसने लोगों के जीवन पर गहरा असर डाला है। वहीं संचार प्रौद्योगिकी के आगमन ने दूरसंचार माध्यमों का स्वरूप ही बदल दिया है। सूचना क्रांति ने संपूर्ण विश्व को समेटकर एक “वैश्विक गांव” में बदल दिया है, जिसके वजह से विश्व के अनेक देशों के बीच की भौगोलिक दूरियां महत्वहीन हो गई है।
इंटरनेट, सोशल मीडिया और मोबाइल के इस समय के बावजूद जहां आज भी टेलीफोन की महत्ता बरकरार है। वहीं चिट्ठी-पत्रियो का चलन जारी है। संचार के इस युग में दूरसंचार माध्यमों का हमारे जीवन में इतना महत्वपूर्ण स्थान है कि कोई भी मनुष्य संचार के बिना सामाजिक इंसान तक नहीं कहलाता।
संचार के द्वारा ही संस्कृति का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तांतरण किया जाता है। वर्तमान समय में संचार माध्यमों के विकास व प्रसार के द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी व सूचना क्रांति की अवधारणाओं ने दुनिया को नया आकार दिया है। इस आधुनिक संचार को दूरसंचार (telecommunication) की संज्ञा दी जाती है।
जिसमें फैक्स, ई-मेल, फाइबर ऑप्टिकल केबल, इनमारसेट पेजर, रडार, कम्प्यूटर, इंटरनेट, मोबाइल फोन, वीडियो कान्फ्रेसिंग सेवा, हाइब्रिड डाक सेवा, टेली मेडीसिन इत्यादि को सम्मिलित किया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी ने दैनिक कार्य प्रणाली जैसे उद्योग, शिक्षा, विज्ञान, कृषि, वित्तीय प्रणाली एवं चिकित्सा व स्वास्थ्य के कई क्षेत्रों में परिवर्तन किए हैं।
बता दें कि 1837 में भारत में डाक सेवाओं की शुरूआत की गई थी। तब से लेकर अब तक घर- घर चिट्ठियां पहुंचाने का काम डाक विभाग कर रहा है। आज विश्व की सबसे बड़ी डाक सेवा भारत में है। भारत में 23, 344 पोस्ट ऑफिस स्वतंत्रता प्राप्ति के समय काम कर रहे थे वही अब बढ़कर 1,56,721 हो गए हैं और इनमें से एक लाख 39 हजार केवल गांवों में हैं। एक डाकघर औसतन 21 वर्ग मील क्षेत्र में रहने वाले साढ़े छह हजार से अधिक लोगों के बीच डाक का वितरण करता है। भारत में डाक सेवाओं के कई रूप शामिल हैं ।
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