इंडिया न्यूज: (Rajasthan vidhan sabha election 2023) राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने है। जिसको देकते हुए सभी राजनीतिक पार्टियों की तैयोरियां लगभग पूरी हो चुकी है। जिसकी झलक हमें केंद्र के बजट में भी देकने को मिल चुकी है।
लेकिन कांग्रेस का बजट दाव अभी बाकी है, क्योंकि 10 फरवरी को राजस्थान सरकार व्दारा प्रदेश बजट पेश होना है। उसको देखते हुए जनता तय करेगी कि किस पार्टी की नीतियां उसे ज्यादा भा रही हैं। 10 फरवरी के बाद ही राजस्थान की राजनीति में उठा पटक तेज होती दिखी जाएगी।
सूत्रों की माने तो खबर तो यह भी आ रही है कि राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां का कार्यकाल भी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल की तरह बढ़ा दिया जाएगा, और विधानसभा चुनाव कराने के लिए उन्हें बड़ी भूमिका अदा करनी पड़ेगी।
लेकिन इस बीच नड्डा के दौरे में प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की उनके साथ ही मंच पर मौजूदगी और फिर बीजेपी के होर्डिंग्स में भी राजे की वापसी से उनके समर्थक उत्साहित होकर यह दावा कर रहे हैं कि चुनाव के बाद राजे फिर से पावर में आएंगी।
बीजेपी के राजनीतिक पंडितों की माने तो प्रदेशाध्यक्ष को लेकर इसी महीने स्पष्टता आ सकती है। एक पक्ष जहां प्रदेश में पूनिया को एक्सटेंशन मिलने की बात कर रहा है, तो वहीं दूसरा पक्ष अब वसुंधरा राजे के पावर में आने को लेकर आश्वस्त है।
उनका दावा है कि चुनाव से पहले बीजेपी में राजे को प्रदेशाध्यक्ष नहीं तो इलेक्शन कमेटी के अध्यक्ष जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है। ऐसे में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष बदलेगा या नहीं और अगर बदलेगा तो कौन होगा, इस बात का निर्णय इस महीने पार्टी हाईकमान के नेताओं की तरफ से साफ हो जाएगा।