Karauli District News: जिस तरह पतिव्रता सावित्री ने अपने पति सत्यवान को यमराज के बंधन से छुड़ाया था, कुछ ऐसा ही मामला करौली जिले के मंडरायल में सामने आया है। यहां रोधई के कैमकच्छ गांव में 26 वर्षीय पशुपालक बन्ने सिंह चंबल किनारे खड़े होकर बकरियों को पानी पिला रहा था। इसी बीच घात लगाकर बैठे मगरमच्छ ने बन्नेसिंह के पैर को जबड़े में पकड़ा और गहरे पानी की ओर ले जाने लगा। मगरमच्छ व्दारा पकडे जाने के बाद बन्नेसिंह ने शोर मचाया।
शोर सुनकर पत्नी विमल बाई दौड़ी चली आई। पति को बचाने के लिए पत्नी लाठी लेकर पानी में कूदी और मगरमच्छ पर ताबड़तोड लाठियों से वार करना शुरू कर दिया। लेकिन मगरमच्छ ने पति को फिर भी नहीं छोड़ा तो विमल ने उस मगरमच्छ की आंख में ही लाठी घुसा दी। इस दौरान मगरमच्छ ने बन्ने का पैर छोड़ दिया। पति को बचाने के लिए विमल ने करीब 5 मिनट संघर्ष किया। परिजनों की मदद से बन्ने को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज जारी है।
पति को बचाने के बाद विमल बोली- इन्हें बचाने में अगर मेरी जान भी चली जाती तो मैं दे देती। पति को छुड़वाकर मैंने भी दूसरा जन्म लिया है। मगरमच्छ मेरे पति को जबड़े में लेकर गहरे पानी की ओर ले जा रहा था, लेकिन मुझे ये शंका, डर या भय नहीं लगा था कि मैं आखिर मौत से जंग लड़ रही हूं। मेरे पति घायल हुए हैं। वे जल्दी ही स्वस्थ होंगे, यही भगवान से प्रार्थना करती हूं। बन्ने ने कहा- एक पैर मगरमच्छ के जबड़े में था, दूसरा पैर पानी में। मैंने सोचा भी नहीं था कि बचूंगा। मुझे पत्नी ने बचा लिया।