सीकर(Statue of Khatu Shyam Baba found during excavation in Sambhal): आज के समय में राजस्थान में खाटू श्याम बाबा का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। खाटू श्याम बाबा के दर्शन करने दूर-दूर से लोग यहां आते है। यूपी के संभल में मंदिर के लिए खुदाई के चलते खाटू श्याम बाबा की पत्थर की मूर्ति मिली, जिसके बाद यहां लोगों का तांता लगना शुरू हो गया है।
आस-पास के लोगों का कहना है कि पत्थर पर बाबा का शीश और तीन बाण बने हैं। बाबा का मंदिर बनवाने के लिए लोग अब तक लगभग डेढ़ लाख रुपये दान कर चुके हैं।
पत्थर पर बने खाटू श्याम बाबा के शीश और तीन बाण के दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से यहां आ रहे हैं और दर्शन के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई है तो वहीं, लगातार चढ़ावा चढ़ाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, मंदिर के पुजारी का कहना है कि उसे सपने में बाबा का शीश दिखाई दिया, जिसके बाद उसने सपने में दिखी जगह पर खुदाई करवाई और वहां से बाबा की पत्थर की मूर्ति निकली। अब वहां के पूरे इलाके में बाबा के जयकारें लग रहे हैं और लोगों का कहना है कि अब यहां खाटू श्याम बाबा का मंदिर बनेगा।
यह पूरा मामला यूपी के संभल में गांव फतेहपुर समसोइ का है। इस गांव में सिद्ध समाधि बाबा प्राचीन धाम है। यहां के मंदिर पुजारी और गांव में रहने वाले प्रदीप मिश्रा का कहना है कि उन्हें कई दिनों से सपने में बाबा खाटू श्याम आ रहे थे। उन्होंने ये भी कहा कि वे पहले खाटू श्याम बाबा के बारे में नहीं जानते थे।
फिर एक बार कहीं बाबा की चर्चा हो रही थी, तब उन्होंने बाबा की निंदा की। इसी के बाद उन्हें सपने में एक गर्दन कटा सिर दिखाई देने लगा। मंदिर के पुजारी प्रदीप मिश्रा ने बताया कि उनको लगातार 3 महीने तक सपने में एक गर्दन कटा सिर दिखाई दिया। इसके चलते उन्होंने जादू-टोना और झाड़-फूक करवाया और वह इनके चक्करों में लग गया।
एक बार वह किसी पूर्णा गिरी बाबा नाम के एक बाबा से मिले, उन्होंने कहा कि तुम पर कोई टोटका नहीं हुआ बल्कि जिस मंदिर में तुम पूजा करते हो, वहां खाटू श्याम बाबा का शीश दबा हुआ है। उसको निकालकर सेवा करो, सब ठीक हो जाएगा। पुजारी प्रदीप मिश्रा ने लोगों से 30 जनवरी 2023 को खुदाई करवाई और 5 फीट खुदाई करके एक पत्थर मिला, जिसको लोगों ने खाटू श्याम बाबा कहा। इस खुदाई का लोगों ने वीडियो भी बनाया।
इस दौरान जैसे ही पत्थर मिला, लोगों ने खाटू शाम के जयकारे लगाने शुरू कर दिए और वहां लोगों की भीड़ जमा होने लगी। पत्थर की दही, दूध, जल से स्नान करवाया गया और वहां पाषाण रखकर पूजा करने लगे। लोगों का कहना है कि चाहे चंदा जमा करना पड़े, लेकिन बाबा का मंदिर यहीं बनेगा।