जयपुर: (Ramadhan 2023) रमजान को मुस्लिम समुदाय का सबसे पाक महीना माना जाता है। इस महीने में हर मुस्लिम रोजा रखता है और अल्लाह पाक की इबादत करता है। आपको बता दे रमजान में कोई भी रोजेदार बिना खजूर के इफ्तार नहीं करता है। यही वजह है इस्लामी मान्यताओं के अनुसार रोजा और खजूर के बीच खास कनेक्शन होता है।
जानकारी के लिए बता दे रमजान में रोजा रखने वाले रोजेदार अपने इफ्तार में खजूर, फल, दही, मिठाई और अन्य पौष्टिक आहार खाते हैं। यही एक वजह है कि इन दिनों दिल्ली के बाजारों में खजूर के दामों में पहले से अधिक बढ़ोतरी हो गई है। पहले खजूर के दाम 150 से 160 प्रति किलो के हिसाब से थे तो वहीं अब खजूर के दाम 180 से 200 प्रति किलो के हिसाब से देखा जा रहा है। आगे यह भी संभव है कि आने वाले 15 से 20 दिनों में इसके दाम और बढ़ेंगे। खास तौर पर रमजान के दौरान इनकी मांग प्रतिदिन बढ़ती है।
बता दे पहले के समय में अल्लाह के रसूल भी रमजान में इफ्तार करते थे और वह भी इफ्तार में खजूर को इस्तेमाल करते थे। जानकारी के लिए बता दें खजूर शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। यही वजह है कि परंपरा के अनुसार हर रोजेदार आज भी इफ्तार में खजूर को जरूर शामिल करते हैं। इसके अलावा बता दें भारत में खजूर का उत्पादन मांग के अनुसार ना के बराबर होता है। इसीलिए इसे इराक, ईरान, सऊदी अरब और मिस्र जैसे देश से आयात किया जाता है। बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली के बाजारों में रमजान को लेकर चहल-पहल काफी तेज हो गई है।