नीति गोपेंद्र भट्ट, जयपुर:
Vasundhara Raje : राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे(Vasundhara Raje) ने अंतर्राष्ट्रीयमहिला दिवस के ऐतिहासिक दिन अपने जन्मदिन पर प्रदेश के हाड़ौती क्षेत्र में हूंकार भरते हुए अपने इरादों को कुछ प्रकार जाहिर किया। अपने जन्म दिवस पर जुटे हजारों कार्यकतार्ओं के समक्ष वसुन्धरा राजे की इस हूंकार से प्रदेश का राजनीतिकवातावरण गर्मा गया है।
वसुन्धरा राजे ने मंगलवार को प्रदेश के हाड़ौती क्षेत्र में कोटा-बूंदी के केशोरायपाटन कस्बे के केशव राय भगवान मंदिर में शीश नवा कर अपने देव दर्शन कार्यक्रम की शुरूआत की। उन्होंने कहा-बिजली जब चमकती है, आकाश बदल देती है, आँधी जब धमकती है, दिन-रात बदल देती है। धरती जब दरकती है सीमांत बदल देती है, और नारी जब गरजती है तो इतिहास बदल देती है।
राजनीतिक जानकार इस आयोजन को वसुन्धरा(Vasundhara Raje) का शक्ति प्रदर्शन बता रहें है लेकिन वसुन्धरा के समर्थकों का कहना है कि राजे हर वर्ष इसी अन्दाज में अपना जन्म दिवस मनाती है। साथ ही यह भी सच है कि महारानी ने प्रदेश में हर बार किसी तीर्थ स्थल से ही चुनावी शंखनाद की शुरूआत की है। केशोरायपाटन में स्वत: स्फूर्त मौजूद हजारों लोगों को सम्बोधित करते हुए वसुन्धरा राजे ने इस मौके पर अपने विशेष अन्दाज में एक नया राजनीतिक नारा भी दिया अब हमारी पारी, 2023 की बारी।
राजे ने कार्यकतार्ओं में जोश भरते हुए कहा कि आप देख लीजिए 2003 में प्रदेश में हम ऐतिहासिक 120 सीटों पर जीतें थे, फिर 2013 में भी अभूतपूर्व 163 सीटों पर हमारी विजय हुई और अब 2023 में भाजपा प्रदेश में अपने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ेगी। राजे ने कहा कि, तीन का अंक हम सब के लिए, भाजपा के लिए शुभ है, सबसे पहले हमारे लिए राजस्थान में 2003 फिर 2013 और अब 2023 के विधानसभा चुनावों में यह अंकशुभ रहेंगा।
राजे ने भविष्य की ओर इशारा करते हुए कहा कि इसके लिए जरूरी है कि हम जाति और मजहब के बीच बंट ेनहीं, वरन एक बन कर रहें, तभी राजस्थान आगे बढ़ सकता है। मैं बार-बार आप सबको यानी 36 की 36 कौमों को कलेजे से लगा कर चलने में विश्वास करती हूं और यही चहुमुखी विकास का रास्ता भी है जिस पर हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी विश्वास करते हैं और इसीलिए उन्होंने सबका साथ, सबका विकासऔर सबका विश्वास… का नारा दिया है।
हाड़ौती में वसुन्धरा और उनके पुत्र दुष्यंत सिंह के चुनावी क्षेत्र झालावाड़ से लगे कोटा-बूंदी में मंगलवार को चारों ओर राजे-राजे की ही गूंज सुनाई दी। प्रदेश के पूर्व मंत्रियों और मौजूदा एवं पूर्व सांसदों एवं विधायकों सरेआम कार्यकतार्ओं के हुजूम को लेकर जयपुर से दिल्ली तक सियासी चचार्एं तेज हो गई हैं। राजे को जन्मदिन की बधाई देने उमड़ी भीड़ के आंकलन पर भी चचार्ओं का दौर जारी है।
राजे के खास सिपहसालर अशोक परनामी और भवानी सिंह राजावत की मानें तो बधाई देने के लिए मंगलवार को डेढ़ लाख से ज्यादा कार्यकर्ता अपने साधनों से केशवरायपाटन पहुंचे थे। इस भव्य आयोजन पर सियासी जानकारों ने टिप्पणी की है कि बिना किसी निमंत्रण के इतना हुजूम उमड़ना, यही महारानी राजे का जलवा दशार्ता है।
इस मौके पर वसुन्धरा राजे ने भावुक होकर अपनी माताजी विजयाराजे सिंधिया का स्मरण करते हुए कहा कि राजमाता साहिबा ने डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी, प्रोफेसर बलराज मधोक, पं.दीन दयाल उपाध्याय, अटलबिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी आदि के साथ मिलकर जनसंघ के दीपक में राष्ट्रवाद की विचारधाराका जो घी डाला था, उससे आज पूरा राष्ट्र प्रकाशमान हो रहा है।
राजे ने कहा कि बाद में 6 अप्रैल 1980 का वह दिन भी आया जिस दिन राजमाता साहब, अटल बिहारीवाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी और भैंरोंसिंह शेखावत आदि दिग्गजों ने भाजपा की स्थापना की। आज भाजपा को अभूतपूर्व ढंग से आगे बढ़ाने का काम हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह औरहमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा कर रहें है और इसका परिणाम है कि आज भाजपा दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल बन गया है ।
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