प्रमोद वशिष्ठ, जयपुर:
Bhanwar Jitendra Singh : देश की राजनीति में कांग्रेस के दमदार हस्ताक्षर भँवर जितेंद्र सिंह(Bhanwar Jitendra Singh) इन दिनों कांग्रेस की अति महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे हैं। ये उन चंद नेताओं में शुमार हैं, जिन्होंने अपने काम व काबलियत के बल पर पार्टी व गांधी परिवार में जगह बनाई है। उनके समर्पण भाव को देख गांधी परिवार ने बड़ी ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। वे देश की राजनीति के लिए सबसे महत्वपूर्ण सूबे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के “ग्राफ” का गणित तैयार करेंगे। उन्होंने ये मिशन शुरू भी कर दिया है जो सुबह सवेरे शुरू होकर देर रात तक चलता है।
इसे कांग्रेस मिशन-2024 का महत्वपूर्ण अंग माना जा रहा है। आलाकमान सोनिया गांधी ने भंवर जितेंद्र सिंह(Bhanwar Jitendra Singh) को ये अति महत्वपूर्ण टास्क दी है, जाहिर है उनके नाम पर राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की सहमति भी होगी। राष्ट्रीय महासचिव सिंह एक पढ़े लिखे व सुलझे हुए राजनेता हैं। कुशल व्यवहार व मददगार नीति उनके खून में हैं। उनकी माता युवरानी महेंद्र कुमारी ने भी अपने द्वार से किसी को कभी निराश नहीं भेजा। वे ही गुण भँवर जितेन्द्र में है जिससे उनको कांग्रेस में इतना बड़ा मुकाम मिला जो राजस्थान में बहुत कम नेताओं को मिला है।
अलवर राजघराने के साथ अलवर की प्रसिद्धि में इनका बड़ा हाथ है। अलवर में इतने बड़े पद कोई नेता नहीं लाया, ना ही इनके जितना विकास किसी ने किया। बावजूद इसके वे हर छोटे से छोटे इंसान से दिल से मिलते हैं। इन्ही खूबियों के चलते उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य का भरोसा गांधी परिवार ने उन पर जताया है।
वे समूचे उत्तर प्रदेश में चप्पे-चप्पे पर घूम कर कांग्रेस की कमजोरी व मजबूती का पूरा आंकलन करेंगे। 2024 लोकसभा के लिए ये मिशन कांग्रेस के लिए बड़ा महत्वपूर्ण साबित होगा। महलों में रहने वाले श्री सिंह 45 डिग्री तापमान में पार्टी व गांधी परिवार के विश्वास पर खरा उतरने के लिए रोज दर्जनों जगह जाकर सैकड़ो लोगों से आमने-सामने रूबरू हो रहे हैं। ये बड़ी चुनौती भरा काम है।
जाहिर है, पूरे देश के नजर उत्तरप्रदेश की 80 सीटों पर रहती है, यहीं से वो हवा चलती जो देश भर में सियासी तश्वीर खींचती है। यही कारण है कि प्रियंका गांधी ने खुद यहां कमान संभाली है। उन्होंने कांग्रेस के सोते वर्कर में नई ऊर्जा का संचार किया है। अब अपने अति विश्वशनीय भँवर जितेंद्र सिंह को मैदानी स्थिति के लिए लगाया है। यूपी में भंवर के कार्यक्रम शुरू होते ही विपक्षी दलों के कान खड़े हो गए हैं। सुना तो यहां तक जा रहा है कि उनके यूपी में प्रवेश करने से जाने तक की रिपोर्ट विपक्ष के मुखिया तक जा रही है।
इसमें कोई दोराय नहीं कि जिस तरह उन्होंने ये मिशन शुरू किया है, कार्यकर्ता उत्साहित है व समूचे राज्य में मिशन की हवा चल निकली है। बहरहाल, राष्ट्रीय महासचिव, असम प्रभारी, सीडब्ल्यूसी सदस्य के बाद यूपी में बड़ी जिम्मेदारी से साफ जाहिर है कि गांधी परिवार भँवर जितेंद्र सिंह(Bhanwar Jitendra Singh) के कामकाज व कांग्रेस पार्टी के प्रति समर्पण से प्रभावित है। साथ उनसे बड़ी उम्मीदें है, इसलिए देश की राजनीति के साथ गांधी परिवार के लिए भी महत्वपूर्ण यूपी जैसे बड़े राज्य की बड़ी जिम्मेदारी दी है।
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