होम / Udaipur: टैंक टी-55 का भारत-पाकिस्तान युद्ध में किया गया सबसे ज्यादा इस्तेमाल, जानें इसकी और भी खासियत

Udaipur: टैंक टी-55 का भारत-पाकिस्तान युद्ध में किया गया सबसे ज्यादा इस्तेमाल, जानें इसकी और भी खासियत

• LAST UPDATED : May 6, 2023

India News (इंडिया न्यूज)Udaipur,उदयपुर: यह बात किसी से छिपाए नहीं छिप कि भारत और पाकिस्तान का हमेशा से 36 का आंकड़ा रहा है। लेकिन आज हम सन् 1971 के युद्ध की बात कर रहे है। भारतीय सेना ने सन् 1971 के युद्ध में एक टैंक से पाकिस्तान की सेना को करारी हार दी थी, उस टैंक का नाम टी-55 (Tank T-55) है। जोकि अब उदयपुर शहर (Udaipur City) की शान बनेगा।

जी हां टैंक टी-55 मोती मगरी स्थित महाराणा प्रताप स्मारक पर पहुंच चुका है। इसे फिलहाल क्रेन की मदद से मोती मगरी में रखवा दिया गया है। बता दें कि भारतीय सेना ने महाराणा प्रताप स्मारक समिति मोती मगरी को यह टैंक पुणे से उपलब्ध करवाया है। मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और समिति अध्यक्ष डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने बताया कि इस टैंक का प्रताप स्मारक मोती मगरी में उद्घाटन राज्यपाल कलराज मिश्र के कर कमलों से शनिवार, 6 मई को दोपहर 12.15 बजे किया जाएगा।

टैंक टी-55 का मोती मगरी में प्रदर्शन

इस समारोह में लेफ्टिनेंट जनरल जय सिंह नैन भी उपस्थित रहेंगे। टैंक टी-55 को शहरवासियों और देसी-विदेशी पर्यटकों के अवलोकन के लिए मोती मगरी में प्रदर्शित किया जाएगा।

बता दें कि राज्यपाल कलराज मिश्र की मौजूदगी में महाराणा प्रताप के वंशज लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ भारत माता के अमीर शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के परिजनों को सम्मानित करेंगे। इसका उद्देश्य भावी पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति की अलख जगाना है।

इस टैंक ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को दी करारी हार

आपको बता दें कि टैंक टी-55 युद्ध में हमारी सेना के अविस्मरणीय पराक्रम और गौरवशाली गाथा का प्रतीक है। रूस में निर्मित टैंक टी-55 का पाकिस्तान की सेना के खिलाफ 1971 के युद्ध में उपयोग किया गया था। 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी। यह टैंक साल 1968 में सेना में शामिल हुआ था और 2011 तक सेवा देता रहा।

इस टैंक का भारत-पाकिस्तान युद्ध में इस्तेमाल किया गया

दिन-रात लड़ने की क्षमता वाले इस टैंक टी-55 को 1968 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था। टैंक टी-55 का 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था। टैंक टी-55 ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के कई टैंकों को नेस्तनाबूद कर दिया था।

टैंक टी-55 की सटीक मारक क्षमता ने पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ा दिए थे। इससे पहले टैंक टी-55 ने 1967 के अरब इजराइल युद्ध और 1970 के जॉर्डन के गृहयुद्ध और 1973 के योम किप्पूर युद्ध में भी पूरी दुनिया के समक्ष अपनी ताकत का लोहा मनवा दिया था।

टैंक टी-55 का वजन 37 टन है

टैंक टी-55 की 1991 में ऑपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म और 21वीं सदी में ऑपरेशन इराकी फ्रीडम के दौरान कार्रवाई देखी जा चुकी है। कुछ देशों में टैंक टी-55 और इसी तरह के टैंक अभी भी सक्रिय सेवा में मौजूद हैं। 580 एचपी इंजन से लैस टैंक टी-55 रूसी टैंक है। यह टैंक 37 टन वजनी होने के बावजूद तेज गति से चलने वाला बख्तरबंद लड़ाकू वाहन है। इस टैंक में 4 सदस्यों का दल तैनात किया जाता है। वे इस टैंक की मदद से 105 एमएम की राइफल से भी लैस होकर तमाम बाधाएं पार करते जाते हैं।

 

 

SHARE
ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

Anant Ambani: अनंत अंबानी को शगुन में 100 रुपए दे गईं अम्मा, वायरल वीडियो पर लोग ले रहे मजे
Bharat Bandh: भारत बंद के आह्वान को लेकर स्कूल और कोचिंग संस्थान में कल अवकाश घोषित, प्रशासन ने दिए ये आदेश
Rajya Sabha by-election: रवनीत सिंह बिट्टू को राज्यसभा भेजेगी बीजेपी, कल दाखिल करेंगे नामांकन
Alwar News: हरियाणा से वापस अलवर जिले में पहुंचा टाइगर 2303, अब तक पांच लोगों को कर चुका है घायल
Bharatpur News: गर्भवती महिला को भूलवश ले गए आरबीएम अस्पताल, मौजूद नर्सिंगकर्मी ने की महिला की सहायता
Bikaner News: देर रात गौ रक्षकों ने मुक्त करवाई सात गाय, पिकअप में ठूंस कर भरी थी गाय
Sirohi News: घर पर अकेला पाकर वृद्ध विधवा महिला से दुष्कर्म और लूट, सात दिन बाद पुलिस को मिली सफलता
Udaipur News: चाकूबाजी की घटना में मारे गए छात्र देवराज का आज अंतिम संस्कार, स्कूल-कॉलेजो की छुट्टी
ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox