India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Rajasthan dalit Groom: राजस्थान से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जिसने सभी को हैरान कर दिया है। आपको बता दें कि, ऊंची जाति के लोगों ने दलित दूल्हे की बारात को गांव से निकलने से रोक दिया। इस पर ड्रामा हुआ। दूल्हे पक्ष के लोगों ने जब इसकी सूचना पुलिस को दी तो पुलिस मौके पर पहुंची और बारात निकलवाई। इस दौरान गांव में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात रहे।
दरअसल, यह मामला भरतपुर जिला मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर दूर चिकसाना थाना क्षेत्र के गांव नौगाया का है। 11 जुलाई की रात गांव के दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले राजवीर सिंह की बहन की शादी थी। राजवीर सिंह रूढ़िवादी परंपरा को खत्म कर अपने घर आने वाली बारात को ऊंची जाति के गांव से निकलवाना चाहता था और दूल्हे की बारात बिंदौरी गांव से निकलवाना चाहता था। इसकी जानकारी होने पर गांव वालों ने राजवीर सिंह को ऐसा करने पर धमकाया। जिसके बाद उसने जिला प्रशासन से शिकायत की। अधिकारियों ने मिलकर उसके बाद बारात निकलवाई।
जानकारी के अनुसार, जब दूल्हा बारात लेकर पहुंचा और बारात गांव से होकर निकाली गई तो वहां सुरक्षा व्यवस्था के लिए 100 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात थे। साथ ही प्रशासन के अन्य अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे। हालांकि, इसके बावजूद ऊंची जाति के लोग नहीं रुके और बारात पर पथराव कर दिया। जिससे दूल्हे पक्ष के कई लोग घायल हो गए। जिसके बाद सभी लोगों को अस्पताल भर्ती किया गया।
दुल्हन के भाई राजबीर सिंह ने बताया कि मेरी बहन आशा की शादी नदबई थाना क्षेत्र के गांव केलूरी मनोज के साथ तय हुई थी। गुरुवार रात बारात आ रही थी और बारात को गांव से होकर गुजरना था। बारात को लेकर ग्रामीणों ने मुझे धमकाया था। जिस पर प्रशासन से शिकायत की गई थी। पुलिस प्रशासन के बावजूद बारात पर पथराव किया गया जिसमें हमारे दो लोग घायल हो गए। आज लोकतंत्र है जहां सभी को समानता का अधिकार है। फिर भी ऊंची जाति के लोग दलित दूल्हे की बारात को गांव से गुजरने नहीं देते।
इस बीच, भरतपुर जिले के पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने बताया कि गांव में दूल्हे की बारात निकाली गई थी। इस दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने एक पुरानी दीवार गिरा दी। जिससे दो लोग घायल हो गए। इसमें कोई पुलिस कर्मी घायल नहीं हुआ। पूरी बारात शांतिपूर्ण तरीके से निकली।
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