Rajasthan News: देशभर में माता दुर्गा के मंदिर में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं। खासतौर से नवरात्रि (Navratri) के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ माता दुर्गा के मंदिर में नजर आती है। वहीं हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता मानी जाती है कि श्रद्धालु माता दुर्गा से जो भी मांगते हैं, उन्हें मां दुर्गा आशीर्वाद स्वरूप सुख-समृद्धि का वरदान देने की मान्यता है। लेकिन, एक मंदिर ऐसा भी है, जहां नवरात्रि में 8 दिनों तक मां के दर्शन नहीं होते हैं। माता की मंदिर के बंद कपाट के बाहर माता दुर्गा की पूजा होती है। इस मंदिर में नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के मंदिर के कपाट बंद रहते हैं। इस दौरान मां दुर्गा के दर्शन करने पर प्रतिबंध है। आपको भी जानकर हैरानी होगी कि ऐसा भी कोई मंदिर हो सकता है। बताया जाता है की मां दुर्गा के मंदिर में नवरात्रि में दर्शन नहीं करने दिया जाते है। तो आज हम आपको बताएंगे इस मंदिर का रहस्य। जो है बेहद अद्भुत।
जोधपुर शहर की हृदय स्थली नई सड़क के क्षेत्र में एक ऐसा मां दुर्गा का मंदिर है। जहां चैत्र नवरात्रि हो या शारदीय नवरात्रि व 2 गुप्त नवरात्रि पर मां दुर्गा के 8 दिनों तक कपाट बंद ही रहते हैं। मंदिर परिसर में 8 दिनों तक सभी लोग सुबह से शाम माता दुर्गा के भजन गाते हैं। मंदिर महंत से इस बारे में बात करने पर उन्होंने बताया कि पौराणिक मान्यता और परंपरा के अनुसार आज भी इस मंदिर में 8 दिनों तक माता दुर्गा के साक्षात स्वरूप में पूजा नहीं होती हैं।
मंदिर के महंत ने बताया कि ये शिव बाड़ी पंथ परंपरा से जुड़ा मंदिर है। बता दें कि यहां पर माता दुर्गा के चैत्र व शारदीय नवरात्रि में 8 दिनों तक कपाट बंद ही रहते हैं। वहीं पंत से जुड़ा व्यक्ति ही 8 दिन तक माता दुर्गा की पूजा-अर्चना पर्दे के पीछे करता है। लेकिन अष्टमी को हवन के बाद माता के प्रत्यक्ष स्वरूप के दर्शन किए जाते हैं। मंदिर के महंत अर्जुन पुरी ने बताया कि नवरात्र में 8 दिनों तक माता के दर्शन व माता की ज्योत के दर्शन करने वाले व्यक्ति को पंथ का असर हो जाता है। इसके कारण सभी व्यक्ति को मृत्यु के पीछे बैठना जरूरी होता है।